L19/Ranchi : हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल को 29 दिसंबर को पूरे चार साल हो जायेंगे। इस अवसर पर भाजपा ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान भाजपा के 5 सदस्यीय समिति ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन की गठबंधन वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गरीबी, महिला सुरक्षा जैसे विषयों को अपना मुद्दा बनाया।
बाबूलाल ने कहा कि एनडीए ने अब तक राज्य में 13 सालों तक शासन किया, वहीं राज्य में यूपीए का कार्यकाल 10 वर्षों का रहा। मगर यूपीए की सरकार में राष्ट्रपति शासन ज्यादा रहा। राज्य सरकार लगातार ये आरोप लगाते आयी है कि केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही है। आरोप पत्र में साफ लिखा हुआ है कि अगर देश में 9 करोड़ 59 लाख जनसंख्या तक पीएम उज्जवला योजना का लाभ पहुंचाया गया है, तो वहीं झारखंड में 35 लाख 27 हजार लोगों को इस योजना से लाभान्वित किया गया।
देश की 3 करोड़ आबादी को पीएम आवास योजना का लाभ मिल रहा है तो झारखंड में 15 लाख 84 हजार लोगों को यह लाभ दिया जा रहा है। देश में आयुष्मान कार्ड का लाभ 37 करोड़ और झारखंड में 2 करोड़ लोगों को मिला। गरीब कल्याण योजना के माध्यम से जो अनाज मुफ्त में दिया जाता है। पूरे देश में 81 करोड लोगों को दिया गया। झारखंड में 2 करोड़ 60 लाख लोगों को मुफ्त में राशन दिया गया।
इस आरोप पत्र के माध्यम से हमने झारखंड को मिलने वाले केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ का ब्योरा पेश किया है। हालांकि, राज्य सरकार लोगों तक इन योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचा पाती है। जो अनाज भी रहता है, वह जनता को नहीं दे पाती।
5 लाख नौकरी के वादे को भूल गयी राज्य सरकार
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार गठन के समय युवाओं से वादा किया गया था कि राज्य में 5 लाख नौकरियां देंगे। नौकरी नहीं दे पाये तो बेरोजगारी भत्ता देंगे। लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार न तो नौकरी दे पाये, और न ही बेरोजगारी भत्ता। सरकार ने विधानसभा में केवल 357 नौकरी देने की बात स्वीकारी है। हेमंत सोरेन ने कहा था कि वह एक साल में 4 जेपीएससी परीक्षा आयोजित कराएगी। हर साल 4 परीक्षा तो नहीं, मगर 4 साल पर 1 जेपीएससी परीक्षा सरकार ने जरूर ली। लेकिन उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार जगजाहिर है।
जेएसएससी से ग्रुप सी के 7587 पदों पर नियुक्तियां हुई हैं। इसमें भी अधिकतर कोर्ट के आदेश पर और पूर्ववर्ती सरकार के दौरान की है। राज्य में 90 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं। झारखंड में करीब 7,27,300 रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं। पारा शिक्षकों के साथ स्थायीकरण के नाम पर छलावा किया गया। शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि पारा शिक्षकों का स्थायीकरण संभव नहीं है। अनुबंधकर्मी शब्द, शब्दकोष से हटाकर स्थायी नियुक्ति के माध्यम से नौकरी, संविदाकर्मियों को समान कार्य के लिए समान वेतन एवं स्थाई नियुक्ति देने की बात विफल साबित हुई।
भ्रष्टाचार के बिना राज्य में कोई काम नहीं होता
पूरे देशभर में झारखंड के भ्रष्टाचार की चर्चा है। कोयला का अवैध खनन हो रहा है, बालू की अवैध ढुलाई हो रही है। सरकारी अधिकारी पैसों के बिना कोई काम नहीं करते। इसके पीछे की वजह राज्य के मुखिया ही हैं। ये खुद बेईमान अधिकारियों को बचाने में लगे हुए हैं।
महिला सुरक्षा में भी विफल रही हेमंत सरकार
भाजपा की ओर से बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन ने महिलाओं को भी छलने का काम किया है। हेमंत सोरेन की सरकार ने कहा था कि वह हर महीने महिलाओं को 2 हजार रुपये चूल्हा खर्च के लिये देगी। इस योजना का राज्य में अता पता ही नहीं है। राज्य में कहीं भी महिला बैंक की स्थापना नहीं की गयी है। महिला थाना में संसाधनों की स्थिति निराशाजनक है। महिलाओं व बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सरकार की संवेदनशीलता इस बात से समझी जा सकती है कि 4 सालों में झारखंड में दुष्कर्म के 14, 162 मामले सामने आये। इनमें से 8 हजार मामलों की जांच पड़ताल भी तय समय पर पूरा नहीं हो पायी।
मंदिरों पर हमले को लेकर हेमंत सरकार मौन
सरकार गठन के समय पर लोहरदगा में घटना घटी। इसके अलावा राज्य भर में मंदिरों पर हमला किया गया। इस पर हेमंत की सरकार ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया। सामान्य विद्यालय को उर्दू विद्यालय में बदल देना फ्राईडे को छुट्टी करना – यह सब तुष्टीकरण की राजनीति हेमंत की सरकार ने किया।