L19/DESK : राज्यसभा सांसद धीरज साहू आयकर विभाग के छापे के बाद पहली बार सामने आये हैं। उन्होंने एक निजी मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा कि आयकर द्वारा बरामद पैसा उनके पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ा है। इस पैसे का कांग्रेस पार्टी अथवा किसी अन्य राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है। बरामद पैसों के ‘काला धन’ होने के भाजपा के दावों पर राज्यसभा सांसद ने कहा कि यह आयकर विभाग तय करेगा। समय आने पर सारी चीजें स्पष्ट हो जायेंगी। सांसद धीरज साहू ने कहा- यूं तो मैं वर्ष 1977 में ही राजनीति में आ गया था, लेकिन सक्रिय राजनीति में 30-35 वर्षों से हूं।
मेरे बड़े भाई शिव प्रसाद साहू दो बार रांची के सांसद रहे। मेरे पिता स्व बलदेव साहू बड़े समाजसेवी थे। उन्होंने हमेशा गरीबों की मदद की। हमारे परिवार ने रांची, लोहरदगा और ओडिशा में कई विकास कार्य किये। कई स्कूल, कॉलेज खोले। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जो पैसा पकड़ा गया है, वह मेरे परिवार से जुड़े व्यावसायिक फर्म का है। हमारा परिवार 100 वर्ष से ज्यादा समय से शराब का कारोबार चला रहा है। इस दौरान हमने सरकार को काफी रेवेन्यू भी दिया है। बावजूद इसके आयकर की छापेमारी की यह घटना पहली बार मेरे साथ हुई, जिससे दिल में गहरी चोट पहुंची है। जब छापेमारी चल रही थी, उस समय मैं दिल्ली में था. उस समय भी मैं मीडिया के समक्ष अपनी बात रखना चाहता था, लेकिन शर्म से सामने नहीं आया। सांसद ने कहा कि हमारा परिवार संयुक्त परिवार है। छह भाई और उनके बच्चे हैं।
मैं केवल राजनीति पर ध्यान देता हूं, व्यवसाय मेरे परिवार के सदस्य देखते हैं। मैं बस कभी-कभार बिजनेस के बारे में पूछ लेता हूं। बलदेव साहू-शिव प्रसाद साहू एंड संस और रितेश साहू नमक फर्म हमारे रिश्तेदार का है। हमारा शराब बनाने का व्यवसाय है और यह पूरी तरह से पारदर्शी है। चूंकि शराब का पूरा कारोबार नगद पैसों से चलता है। इसलिए आयकर की कार्रवाई में जो पैसा बरामद हुआ है, इसी कारोबार का है। परिवारवालों से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार वह पैसा महुआ खरीदने और रेवेन्यू आदि के मद में देने के लिए रखा गया था। इसका कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।. इसमें छुपाने जैसा कुछ भी नहीं है, जो भी पैसा बरामद हुआ है। समय आने पर मेरे परिवारवाले उसका हिसाब आयकर विभाग को देंगे।