L19 DESK : झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरु होगा। सत्र 22 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 6 कार्य दिवस होंगे। इसके बाद 15 दिसंबर को ही झारखंड कैबिनेट की भी मीटिंग होगी। ये दोनों ही बैठक कई मायने में अहम साबित होने वाला है, क्योंकि मीटिंग में राज्य सरकार 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति के बारे में बड़ा फैसला लेकर इसे सत्र के दौरान विधानसभा में पेश कर सकती है। इसके साथ ही आरक्षण वृद्धि और एंटी मॉब लिंचिंग का भी मुद्दा फिर से उठ सकता है।
1932 खतियान को लेकर पिछले दिनों आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान भी सीएम हेमंत सोरेन ने यह मुद्दा उठाया था। अपने विरोधियों को घेरते हुए उन्होंने कहा था कि हमने राज्यहित में जितने भी कानून बनाये, विरोधियों ने अड़चन डालकर हटवा दिये या रुकवा दिये। उदाहरण के तौर पर 75% स्थीनीय लोगों के लिये नौकरी और 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति। मगर 1932 खतियान वाली नीति तो लागू हो कर रहेगा। इससे संभावित है कि इस बार के विधानसभा सत्र के दौरान स्थानीय नीति का मुद्दा उठाया जायेगा, और विधानसभा में बिल पेश किया जायेगा।
पहले भी 1932 खतियान का मुद्दा उठा है सदन में
आपको बता दें कि इससे पहले के सत्र में भी 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति बिल पारित तो हो गया था, मगर जब ये राज्यपाल को हस्ताक्षर के लिये भेजा गया, तब उन्होंने इस बिल को लौटा दिया। इस बिल के मुताबिक, झारखंड का स्थानीय व्यक्ति उन्हीं को माना जायेगा, जिनके पास 1932 का खतियान है। इसी के आधार पर यहां के स्थानीय राज्य के तीसरे और चौथे ग्रेड की नौकरियों के लिये पात्र होंगे।
पहला सत्र जिसमें नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली नहीं रहेगी
आपको ये भी बता दें कि झारखंड की पांचवीं विधानसभा के गठन के करीब चार साल के बाद यह पहला सत्र होगा, जिसमें नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली नहीं होगी। झारखंड भाजपा विधायक दल के नए नेता अमर कुमार बाउरी को विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मान्यता दे दी है। इसका असर सत्र में बेहतरीन रुप से देखने को मिलेगा।
सत्र के दौरान भाजपा इन मामलों में घेरेगी राज्य सरकार को
भाजपा ने राज्य सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। भाजपा की ओर से सांसद धीरज साहू से जुड़े ठिकानों से करोड़ों की बरामदगी का मुद्दा सदन में उठाने की तैयारी है। इसके साथ ही भ्रष्टाचार, विधि व्यवस्था और रोजगार के मुद्दे को भी सदन में उठाया जायेगा। वहीं, ईडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गये समन का मामला भी सदन में मुद्दा बनेगा। इसके अलावा, हाल ही में जारी एनसीआरबी की रिपोर्ट को भी आधार बनाकर गठबंधन की सरकार को घेरने की तैयारी है। इसमें खास कर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को मुद्दा बनाया जायेगा। साथ ही संथाल परगना क्षेत्र में घुसपैठ का मामला सदन में गुंजेगा।
विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिये तैयार है सत्तापक्ष
वहीं दूसरी तरफ, विपक्ष के सवालों के जवाब के लिये सत्ता पक्ष भी तैयार बैठी है। धीरज साहू मामले में कैश की बरामदगी को व्यक्तिगत मामला बताया जायेगा। वहीं सत्ता पक्ष की ओर से भी केंद्र पर बैठी भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर राज्य सरकारों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया जायेगा।
इसके साथ ही कहा जा रहा है कि पांचवीं विधानसभा का यह आखिरी शीतकालीन सत्र होने वाला है, क्योंकि झारखंड में अगले साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव कराए जाने के आसार हैं। इस सत्र के दौरान हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों का भी असर देखने को मिल सकता है।