L19 DESK : आदिवासी सेंगेल अभियान ने पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के नेतृत्व में एकता की नई सोच और कार्ययोजना के तहत आदिवासी समाज को गांव-गांव में एकजुट करने का संघर्ष तेज किया है। सेंगेल का एकता की नई धारा और नारा है – “आदिवासी समाज को बचाना है तो पार्टियों की गुलामी मत करो, समाज की बात करो। जो सरना धर्म कोड देगा, आदिवासी उसको वोट देगा।” आदिवासी समाज के नाम पर आरक्षित सीटों से चुने गए आदिवासी एमएलए/ एमपी और पंचायत प्रतिनिधि आदि अधिकांश आदिवासी समाज से ज्यादा पार्टियों की गुलामी करते हैं और समाज की अवहेलना करते हैं। उसी प्रकार अधिकांश आदिवासी जन संगठन भी समाज की अपेक्षा पार्टियों और नेताओं की परिक्रमा करते हैं। आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के अगुवा भी गांव-समाज को एकजुट करने में विफल हैं। अतः पार्टियों और उसके वोट बैंक को बचाने की अपेक्षा अब आदिवासी समाज को बचाना ज्यादा जरूरी है। अन्यथा आदिवासी समाज को बर्बाद होने से बचाना मुश्किल है। आज पश्चिम सिंहभूम जिला के कुमरडूंगी प्रखंड के बंकधर ग्राम, अंधारी पंचायत और मंझगांव प्रखंड के गांव हाडूआकामन, पड़सा पंचायत के अन्तर्गत दो सेंगेल जनसभाओं का सफल आयोजन उपरोक्त विचारों के साथ सम्पन्न हुआ। जिसकी अध्यक्षता क्रमशः धर्मेंद्र पिंगुआ और बीरसिंह गागराई ने किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा आदिवासी एकता और आंदोलन ही बचने-बचाने का समाधान है और एकजुटता बनाने के रास्ते में दोस्त और दुश्मन को पहचाना भी जरूरी है। आज की दोनों सेंगेल सभाओं को सेंगेल के नेता सूबेदार बिरवा ,चरण चतर,महती पूर्ति और प्रताप बिरवा, सुमित्रा मुर्मू और तिलका मुर्मू ने संबोधित किया। बंकधर ग्रामीणों की तरफ से महेंद्र पिंगुआ, धर्मेंद्र पिंगुआ, राजकुमार हेंब्रोम,पार्वती पिंगुआ आदि ने विचार रखा। हडूआकमान चौक में बीरसिंह गागराई सेंगेल जिला सचिव के अलावे अंकुल पाठपिंगुआ, राम सिंह हेम्ब्रम, गुरुबारी पिंगुआ, अनिता जेराई, मनोज चातर आदि ने समर्थन व्यक्त किया। सबने संकल्प लिया कि जो आदिवासी नेता, जन संगठन और मानकी मुंडा आदिवासी समाज को साथ देंगे (हासा, भाषा, सरना धर्म आदि की बात करेंगे), हम उनको साथ देंगे अन्यथा विरोध करेंगे। पार्टी और वोट को बचाने के बदले अब हम आदिवासी समाज को बचायेंगे।