L19 DESK : एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना और फिर काजोल के फेस को डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर वायरल वीडियो को केंद्र सरकार गंभीरता से ले रही है। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डीपफेक तकनीक को लोकतंत्र के लिये खतरा बताया है। मंत्री ने डीपफेक के मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों से गुरुवार को मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार डीपफेक के मिसयूज से निबटने के लिये जल्द ही नये नियम लेकर आयेगी। कंपनियां डीपफेक का पता लगाने, इससे निबटने, इसकी सूचना देने के तंत्र को मजबूत करने औऱ यूजर्स में जागरूकता बढ़ाने जैसी स्पष्ट कार्रवाइयां करने पर सहमत हुईं।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्री वैष्णव ने कहा, ”हम आज ही विनियमन का मसौदा तैयार करना शुरू कर देंगे और कुछ ही समय में हमारे पास डीपफेक से निपटने के लिए नए नियम होंगे…यह मौजूदा ढांचे में संशोधन या नए नियम या नया कानून लाने के रूप में हो सकता है। इस पर हमारी अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी…आज किए गए फैसलों पर उसमें आगे की चर्चा होगी। मसौदा विनियमन में क्या शामिल किया जाना चाहिए, इस पर भी चर्चा की जाएगी।”
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि डीपफेक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करते हुए किसी तस्वीर या वीडियो में मौजूद व्यक्ति की जगह किसी दूसरे को दिखा दिया जाता है। इसमें इतनी समानता होती है कि असली और नकली में अंतर करना काफी मुश्किल होता है। हाल ही में, बॉलीवुड के कई कलाकारों को निशाना बनाने वाले कई ‘डीपफेक’ वीडियो सोशल मीडिया मंच पर आए। इसपर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की। इससे नकली सामग्री बनाने के लिए प्रौद्योगिकी तथा उपकरणों के दुरुपयोग को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए।