L19 DESK : 30 सितंबर तक झारखंड से दक्षिण पूर्व मानसून की विदायी हो जायेगी। अब तक राज्य भर में 1400 मिमी की जगह 626 मिमी बारिश ही दर्ज की गयी है। राजधानी रांची समेत 21 जिलों में 53 फीसदी कम बारिश हुई है। जिससे स्थिति भयावह हो गयी है। मौसम विभाग की मानें, तो अब तक राज्य भर में 944 मिमी बारिश हो जानी चाहिए थी। पर बारिश कम होने से किसानों और मौसम विज्ञानियों की चिंता बढ़ गयी है। पूरे राज्य में लगातार दूसरे वर्ष सुखाड़ के हालात बन गए हैं। अब तक सिर्फ 62 प्रतिशत ही रोपनी हुई है।
चतरा जिले की स्थिति सबसे दयनीय है, क्योंकि यहां औसत बारिश से 63 फीसदी कम बारिश हुई है। राज्य के सिर्फ तीन जिलों में ही सामान्य बारिश हुई है, जिसमें गोड्डा, साहिबगंज और सिमडेगा शामिल हैं। फसल आच्छादन में कमी को देखते हुए कृषि विभाग ने सभी जिला में आकस्मिक योजना के तहत वैकल्पिक फसल के रूप में मोटे अनाज की खेती कराने का निर्देश दिया है। सुखाड़ होने पर इस वर्ष भी राज्य के 30 लाख से अधिक किसानों को किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी। क्योंकि, पीएम फसल बीमा योजना में झारखंड शामिल नहीं है।
मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत किसानों को मात्र 3,500 रु. का ही लाभ मिलेगा। इसे देखते हुए सरकार एक बार फिर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल होने पर विचार कर रही है।
कम बारिश होने के बावजूद राज्य में धान, मक्का, दलहन और तेलहन की पैदावार पिछले वर्ष के मुकाबले अच्छी है। राज्य में अभी तक कुल फसल आच्छादन के लक्ष्य 28.27 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अभी तक 17.56 लाख हेक्टेयर में फसल लगाई गई है, जो निर्धारित लक्ष्य का मात्र 62.12 प्रतिशत है। जबकि, पिछले वर्ष इस समय तक 13.90 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हुई थी, जो 49.17 प्रतिशत था।