L19 DESK : झारखंड में न्यायालयों की सुरक्षा को लेकर पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह बैठक कर रहे हैं। इसमें सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों, वरीय पुलिस अधीक्षक शामिल हो रहे हैं। पुलिस मुख्यालय की तरफ से जिले के पुलिस अधीक्षकों से कोर्ट की सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट भी मांगी गयी थी। प्रत्येक महीने जिलों के पूलिस अधीक्षकों की तरफ से कोर्ट की सुरक्षा ऑडिट कर जिला जज को दी जाने वाली रिपोर्ट की स्थिति, क्लोज सर्किट टीवी, पुलिस संतरी पोस्ट समेत कई अन्य जानकारी से संबंधित ब्योरा पुलिस मुख्यालय ने मांगा था।
झारखंड के 24 जिलों के व्यवहार न्यायालयों और अनुमंडल न्यायालयों में सिर्फ 955 पुलिस कर्मी ही पदस्थापित हैं। कई जिलों में क्लोज सर्किट कैमरे (सीसीटीवी) भी नहीं लगाए गए हैं। कोर्ट की सुरक्षा के लिए तैयार किए गए एजेंडे पर भी पूरी तरह से अब तक अमल नहीं किया गया है। 24 जिलों में से सिर्फ रांची, जमशेदपुर, चाईबासा, सरायकेला, धनबाद, पलामू, गढ़वा और गोड्डा जिलों के सिविल कोर्ट में ही सीसीटीवी से निगरानी होती है, बाकी 16 जिलों में सीसीटीवी तक नहीं है।
जानकारी के अनुसार आज की बैठक में सभी व्यवहार न्यायालयों में संतरी पोस्ट बनाने, कोर्ट परिसर में आनेवाले लोगों की सुरक्षा जांच करने, इमरजेंसी गेट की स्थिति और उससे एग्जिट, 16 जिलों में क्लोज सर्किट टीवी लगाने के सिलसिले में आवश्यक कार्रवाई करने पर निर्णय लिया जायेगा। इसके अलावा फायर फाइटिंग सिस्टम, सिक्यूरिटी मानिटरिंग, सिक्यूरिटी ऑडिट, सिविल ड्रेस में पुलिस की तैनाती और क्विक रिस्पांस टीम की उपलब्धता की भी समीक्षा की जायेगी।