L19/Bokaro/Giridih : साल 2019 में जब से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सत्ता में आयी है, और हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने हैं, तब से लेकर अब तक झारखंड में पांच उपचुनाव हो चुके हैं। अब डुमरी उपचुनाव इस कार्यकाल का छठा उपचुनाव होने जा रहा है। अब तक हुए 5 उपचुनावों में से 4 में यूपीए (अब “इंडिया”) की गठबंधन ने जीत हासिल की है। वहीं, इनमें से केवल एक रामगढ़ उपचुनाव में ही एनडीए ने बाजी मारी।
डुमरी में इस बार कांटे की टक्कर
आगामी 5 सितंबर को डुमरी में होने जा रहे उपचुनाव से पहले पांच उपचुनाव हो चुके हैं। ये दुमका, बेरमो, मधुपुर, मांडर और रामगढ़ में हुए थे, जिनमें से पहले चार उपचुनावों में यूपीए के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। वहीं, रामगढ़ से एनडीए प्रत्याशी सुनीता चौधरी ने बाजी मारी। अब इस डुमरी उपचुनाव में दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर है। यह उपचुनाव इसलिये भी खास होने जा रहा है, क्योंकि 2005 से लेकर अब तक झामुमो की टिकट पर स्व जगरनाथ महतो ने ही डुमरी विधानसभा क्षेत्र में अपना कब्जा जमा रखा था। अब उनके गुजर जाने के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी उम्मीदवार बनकर इस चुनाव में खड़ी हुई हैं। वहीं, बेबी देवी का सीधा मुकाबला आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी से है। दोनों महिलाएं अपने पति को खो चुकी हैं। दोनों के बारे में कहा जा रहा है कि इन्हें सहानुभूति वोट मिल रहा है।
मगर यहां यशोदा देवी को एक और सहानुभूति उनके बेटे के नाम पर भी मिलने की संभावना है। यशोदा देवी के बेटे प्रदीप महतो इस वक्त कैंसर के तीसरे स्टेज में हैं। इतनी गंभीर बीमारी से लड़ते हुए उन्होंने जनता को संबोधित कर अपनी मां और आजसू प्रत्याशी को जीत दिलाने की अपील की।
अब इस आर या पार की लड़ाई में देखने वाली बात ये होगी कि क्या करीब दो दशकों से टाइगर के गढ़ में उनकी ही पत्नी बेबी देवी जीत हासिल कर छठा उपचुनाव भी झामुमो के नाम करती है, या फिर रामगढ़ उपचुनाव की तरह इस बार भी बाजी आजसू मारेगी।