L19 DESK : झारखंड में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियन (सीएनटी) की जमीन के दायरे में आनेवाले लोगों को बैंक एजुकेशन से लेकर किसी तरह का कर्ज नहीं दे रही है। सीएनटी एक्ट में संशोधन करते हुए तत्कालीन राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री मथुरा महतो के कार्यकाल में तेली, सूड़ी, मुस्लिम समाज, पनेरी, सोनार, महतो और अन्य तरह के 52 से अधिक श्रेणी की जातियों को शामिल करते हुए उन्हें आदिवासी की श्रेणी में लाया गया। इसके बाद से यानी 2008 के बाद से बैंकों ने सीएनटी एक्ट के दायरे में आनेवाले सभी समुदाय के लोगों को कर्ज देने पर पाबंदी लगा दी।
किन्हें हो रही है अधिक परेशानी 2008 के बाद से लागू हुए कानून की वजह से सबसे ज्यादा मार उन लोगों पर पड़ी, जिन्होंने तेली, सोनार, पनेरी, सूंडी, लोहार, मुस्लिम समुदाय, महतो और अन्य जातियों के लोगों से जमीन खरीदी। 2008 के पहले इनकी जमीन पर आसानी से बैंकों से कर्ज मिल जाता था। उस समय कई लोगों ने जो सामान्य वर्ग से आते थे, उन्होंने जमीन लेकर अपना मकान बना लिया। कर्ज भी लिया। अब उन्हें आवास के जिर्णोद्धार समेत अन्य किसी भी तरह का कर्ज नहीं मिल रहा है।
बैंकों की तरफ से जो कागजातों का वेरीफिकेशन कराया जा रहा है, उसके बाद उन्हें यह कहा जा रहा है कि जमीन सीएनटी में सूचिबद्ध है इसलिए किसी भी तरह का कर्ज नहीं मिल सकता। इसकी वजह से सामान्य जाति के लाखों लोग अब सीएनटी की वजह से बुरी तरह फंस चुके हैं। सरकार का भी इस पर कोई ध्यान नहीं है। अभी उच्चतर शिक्षा के लिए 2023-24 सत्र को लेकर हो रहा है दाखिला देश भर में उच्चतर शिक्षा के लिए सत्र 2023-24 को लेकर दाखिले का समय चल रहा है। कई लोग बैंकों की तरफ रूख कर रहे हैं। जिन्होंने 2008 के पहले जमीन ली थी, जब वे बैंकों को कागजात दिखा रहे हैं, तो उन्हें स्पष्ट कहा जा रहा है कि उन्हें कर्ज नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि उनकी जमीन सीएनटी नेचर की है।
वैसे भी आदिवासियों और जनजातियों को सीएनटी की वजह से बैंक कर्ज नहीं देते हैं। सरकार भी ऐसे लोगों के लिए कोई गारंटी देने की व्यवस्था नहीं करती है। नतीजतन जिन्होंने सरकारी स्तर के इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ, मैनेजमेंट संस्थान में दाखिला लेने का मन भी बनाया है, उन्हें बैंक किसी तरह का कर्ज नहीं दे रहे। बैंकों का स्पष्ट कहना है कि यदि आपके पास नौकरी है, तो नौकरी के बाबत और आय कर रिटर्न के आधार पर बगैर कोलैटरल सिक्यूरिटी (बंधक) के 7.50 लाख तक का कर्ज दिया जा सकता है। इससे अधिक यदि कर्ज चाहिए तो जितनी राशि का कर्ज है, उसका शत प्रतिशत कोलैटरल सिक्यूरिटी दिया जाये। यानी 20 लाख से अधिक का कर्ज चाहिए, तो कोलैटरल सिक्यूरिटी 150 फीसदी तक हो जायेगी।