L19/Hazaribagh : हजारीबाग के केरेडारी में नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन के भूमि अधिग्रहण में हुए अनियमितता को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड हाईकोर्ट में कहा है कि वह जाच के लिए तैयार है। जमीन अधिग्रहण में तीन हजार करोड़ के अनुमानित जमीन-मुआवजा घोटाला की जांच के लिए दायर याचिका पर इडी की ओर से हलफनामा दाखिल कर दिया गया है। हलफनामे में इडी ने कहा है कि एजेंसी इस केस की प्रारंभिक जांच कर सकती है। एनटीपीसी के भूमि मुआवजा घोटाले की जांच के लिए रिटायर्ड आइएएस अधिकारी देबाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। अन्य दो सदस्यों में एक सेवानिवृत्त जिला और सत्र न्यायाधीश, साथ ही सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव शामिल थे।
ईडी ने यह भी कहा है कि राजस्व एवं भूमि सुधार तथा निबंधन विभाग के अवर सचिव की तरफ से नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक को 10.04.2017 को पकरी बरवाडीह, चट्टी-बरियातु और केरेडारी में एनटीपीसी सीमित परियोजनाओं के लिए सरकारी भूमि के अवैध अधिग्रहण और मुआवजे के वितरण में अनियमितताओं से संबंधित पत्र जारी किया गया था। अदालत ने याचिकाकर्ता मंटू सोनी की जनहित याचिका पर सुनवाई की थी। इसमें हाईकोर्ट ने ईडी, सीबीआई और राज्य सरकार से जवाब मांगा था।
बता दें कि हजारीबाग जिले में एनटीपीसी सहित अन्य परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी गैरमजरूआ खास ,गैरमजरूआ आम व सार्वजनिक उपयोग के पंचायत भवन, मैदान, तालाब, श्मशान घाट कब्रिस्तान आदि स्थलों का फर्जी कागजात बनाकर सरकारी अधिकारी-कर्मचारी व एनटीपीसी के अधिकारियों से मिलीभगत कर भू-माफियाओं ने मुआवजा ले लिया था। इस पूरे मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी गठित की थी। लेकिन एसआईटी रिपोर्ट पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही वह रिपोर्ट सार्वजनिक हुई। इसी को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।