मुख्य बातें:
- नियंत्रक सह महालेखापरीक्षक (कैग) ने कहा मैनहर्ट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया 16.04 करोड़ रुपये वेस्टफुल एक्सपेंडिचर
- 359 करोड़ रुपये का काम बीच में ही छोड़ कर भाग गया ज्योति बिल्डटेक और विभोर वैभव प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
- झारखंड में घोटाला और पैसे की अनियमितता
L19/Ranchi : झारखंड के किसी भी परियोजना का सक्सेसफुल एग्जीक्युशन अब तक नहीं हुआ है। नियंत्रक सह महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट की मानें, तो राज्य सरकार ने राजधानी में सिवरेज-ड्रेनेज परियोजना के रूप में एक अरब से अधिक की राशि फूंक डाली। योजना के पहले परामर्शी कंपनी मैनहर्ट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड को सरकार की तरफ से 16.04 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, वह वेस्टफूल एक्सपेंडिचर साबित हुआ। जिस ज्योति बिल्डटेक और विभोर वैभव कंपनी के ज्वाइंट वेंचर फर्म को सिवरेज परियोजा के जोन-1 का काम दिया गया, उस कंपनी को भी 56 करोड़ रुपये से अधिक की अग्रिम राशि दे दी गयी।
झारखंड मंत्रिमंडल ने सिवरेज-ड्रेनेज परियोजना के पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार करने के लिए फीर से 31.17 करोड़ की परामर्शी शुल्क को मंजूरी दी। इसके बाद रांची नगर निगम की तरफ से मेसर्स ज्योति बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड (लीड पार्टनर) और विभोर वैभव प्राइवेट लिमिटेड ने काम शुरू किया। इस काम को पाने के लिए निविदा में जो दस्तावेज दिये गये, वह फैब्रिकेटेड थे। जेवी कंपनी ने कार्यादेश तो प्राप्त कल लिया, पर कभी भी सफीशिएंट मैनपावर और मशीनरी साइट पर नदीं दी। अक्तूबर 2019 में ज्योति बिल्डटेक और विभोर वैभव को दो बार एक्सटेंशन दिये जाने के बाद टर्मिनेट कर दिया गया।
रांची नगर निगम ने 359 करोड़ की योजना सितंबर 2018 में दी थी। कंपनी को 15 प्रतिशत अग्रिम का भुगतान नियमविरुद्ध किया गया। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्योति बिल्डटेक को 35.93 करोड़ अधिक का भुगतान चयनीत कंपनी को कर दिया गया। मोबीलाइजेशन एडवां के रूप में भी 18 करोड़ रुपये दे दिये गये। सरकार ने ज्योति बिल्डटेक और विभोर वैभव प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ नहीं की कानूनी कार्रवाई कैग की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि राज्य सरकार ने ज्योति बिल्डटेक और विभोर वैभव प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ फरजी दस्तावेज दाखिल कर निविदा प्राप्त करने के मामले में कार्रवाई नहीं की गयी।
अग्रिम की राशि के अधिक भुगतान मामले में सरकार ने कुछ नहीं किया। केंद्र सरकार ने 2014 में जवाहर लाल नेहरू शहरी पुनरुद्धार योजना के तहत जोन-1 के सिवरेज योजना के लिए दिये थे 302.26 करोड़। योजना के तहत जनवरी 2014 में जोन-2, जोन-3 और जोन-4 के लिए 1216.99 करोड़ की योजना को राज्य सरकार ने टेक अप किया। आठ साल तक राज्य सरकार ने 2005 में मैनहर्ट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से तैयार किये गये डीपीआर के आधार पर काम नहीं किया। जोन-1 की निविदा 2015 में निकाली गयी। जेवी कंपनी ज्योति बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड और विभोर वैभव इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को 359.25 करोड़ का काम दिया गया। परियोजना का काम सितंबर 2017 में पूरा हो जाना था।
इस ठेके को रांची नगर निगम की तरफ से अगस्त 2018 और मार्च 2019 में दो बार एक्सटेंशन दिया गया। जेवी कंपनी ने निर्धारित समय पर अक्तूबर 2019 तक एक्सटेंशन के बावजूद 84 करोड़ का ही काम किया। ज्योति बिल्डटेक और विभोर वैभव को टर्मिनेट करने के बाद एलसी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को सरकार ने दिया बचे हुए कार्य का जिम्मा। इस कंपनी को फरवरी 2021 में 218.87 करोड़ का काम दिया गया। मार्च 2023 में जोन-1 के बचे हुए सिवरेज-ड्रेनेज परियोजना का काम पूरा कर लिया जाना था। पर अब तक सिर्फ 11 प्रतिशत ही काम हो पाया है।
(जारी)