L19/DESK : झारखंड में विश्व आदिवासी दिवस को यादगार बनाने के लिए भव्य आयोजन की तैयारी हो रही है और इस कार्य में राजधानी में तैयारियां जोरदार चल रही है। एक ओर विश्व आदिवासी दिवस मनाने की तैयारी चल रही है वहीं दूसरी ओर आदिवासी समुदाय के अगुआ माने जाने वाले मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की उपेक्षा हो रही है। उन्हें सम्मान देने के लिए बीते साल से जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम का सौंदर्यीकरण 4.50 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा है,यह काम अभी तक पूरा नहीं हुआ। ठेकेदार ने अधूरा काम कर छोड़ दिया है।
इस बीच स्टेडियम में जयपाल सिंह मुंडा की तीन नई प्रतिमाएं लगाई गई हैं,इनके ऊपर प्लास्टिक बांधकर रखा गया था, ताकि वह खराब न हो,अब वह प्लास्टिक फट गया है। हवा के साथ उड़ते प्लास्टिक को देखकर ऐसा लग रहा है कि शरीर पर फटा हुआ कपड़ा लहरा रहा है। देखरेख के अभाव में पहले से स्थापित जयपाल सिंह मुंडा की प्रतिमा के चारों ओर झाड़ियां उग गई हैं। वहीं बास्केट बॉल ग्राउंड और हॉकी एस्टोटर्फ ग्राउंड भी खेल शुरू होने के पहले ही टूटने लगा है। स्टेडियम के सौंदर्यीकरण का काम कर रहे ठेकेदार और निगम के बीच बिल के भुगतान को लेकर लंबे समय से खींचतान चली आ रही है। इस कारण निर्माण कार्य बंद है। इसका असर हुआ कि झूले और बेंच में जंग लग रहा है। स्टेडियम के एक किनारे असामाजिक तत्व जमे रहते हैं।