L19/Bokaro : बोकारो जिले में सभी बालू घाट आवैध बताया जा रहा है. फिर भी धड़ल्ले से बालू का उठाव हो रहा है और स्टॉक भी किया जा रहा है. यह स्थिति तब है जब बालू उठाने पर (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) एनजीटी की रोक लगी हुई है. दूसरी तरफ, अगर घाट वैध होते तब भी फिलवक्त बालू का उठाव संभव नहीं है, क्योंकि बालू घाट की नीलामी की प्रक्रिया कागजों में ही चल रही है. इन सबके बावजूद हर दिन प्रशासन को ठेंगा दिखाकर लाखों रुपये का अवैध कारोबार किया जा रहा है. शहर के सेक्टर 11 से सटे गांव भतुआ की बात करें, तो इस गांव से कुछ दूरी पर है दामोदर नदी है. इसके आसपास के क्षेत्र को अवैध रूप से स्टॉक यार्ड बना दिया गया है. लगभग चार किलोमीटर एरिया में अवैध रूप से बालू का स्टॉक किया गया है.
बता दे प्रत्येक दिन सैकड़ों ट्रैक्टर नदी से बालू का उठाव कर रहे हैं. लाखों सीएफटी बालू का स्टॉक किया गया है. लोगों को यह सब नजारा साफ-साफ दिखता है, लेकिन विभाग व प्रशासन की नजर नहीं पड़ रही है. देखा जाय तो बालू का अवैध कारोबार जिला में कई साल से चल रहा है. वर्तमान में एनजीटी की रोक के कारण बालू का आवक कम हुआ है, लेकिन मांग पर कोई असर नहीं हुआ है. जानकारों ने बताया कि नदी से बालू उठाव व स्टॉक में प्रति ट्रैक्टर 500 रुपये का अधिकतम खर्च आता है, जबकि डिलीवरी में खर्च 800-1000 रुपये होता है. लेकिन बाजार में बालू प्रति ट्रैक्टर 3200-3500 रुपये मिल रहा है. यानी प्रति ट्रैक्टर 1700 से 2000 रुपये की बचत कारोबारियों को हो रही है. इस तरह एक दिन में हजारों ट्रैक्टर बालू की डिलेवरी हो रही है.इस संबंध में डीएमओ कार्यालय के इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार का कहना है कि विभाग की ओर से लगातार अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की जा रही.