विभागीय मंत्री के पीत पत्र के बाद सचिव राजीव अरुण एक्का ने की स्थापना की बैठक
नियमों की अनदेखी कर तत्कालीन सचिव के श्रीनिवासन ने कर दी थी नियुक्ति
L19 DESK : कल्याण विभाग के सचिव के बाद अब आदिवासी कल्याण आयुक्त (टीडब्ल्यूसी) कार्यालय के उपनिदेशक के पद पर काबिज सुनील कुमार सिंह हटाए जाएंगे। विभागीय मंत्री चंपाई सोरेन ने इस बारे में कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को पीत पत्र लिखा था । कल्याण मंत्री का पीत पत्र मिलने के बाद विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने इस संबंध में स्थापना की बैठक की है। केवल एक अधिकारी के तबादले के लिए यह स्थापना की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में सुनील कुमार सिंह के ट्रांसफर पर सहमति बन चुकी है। अंतिम निर्णय के लिए फाइल मंत्री को भेजी जा चुकी है।
साहेबगंज के समेकित जनजातीय विकास अभिकरण (आइटीडीए) के परियोजना निदेशक और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुनील कुमार सिंह को बगैर मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री या कार्मिक की अनुमति के आदिवासी कल्याण आयुक्त कार्यालय में उपनिदेशक का अतिरिक्त प्रभारी दिया गया था। यह सब कुछ तत्कालीन विभागीय सचिव के श्रीनिवासन ने किया था। दिसंबर 2022 में सुनील कुमार सिंह को डिप्टी डायरेक्टर बनाया गया था।
विभागीय स्तर पर इस बारे में अधिसूचना जारी की गई थी। दो दिसंबर 2022 को जारी अधिसूचना में कहा गया था कि साहेबगंज आईटीडीए के परियोजना निदेशक सुनील कुमार सिंह अगले आदेश तक अपने कार्यों के अलावा उपनिदेशक, आदिवासी कल्याण आयुक्त कार्यालय के प्रभार में रहेंगे। गौरतलब है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार देने के लिए कार्मिक से अधिसूचना जारी कराने का नियम है, पर इनके मामले में विभाग के स्तर पर अधिसूचना जारी की गई।
पिछले दिनों कई गड़बड़ियां सामने आने पर विभागीय मंत्री चंपाई सोरेन ने इस पर संज्ञान लिया है। हाल में कल्याण विभाग की कार्य प्रणाली सुर्खियों में रही है। बगैर कायदे-कानून की परवाह किए यहां 30 विशेषज्ञों की नियुक्तियां की गईं, जिसमें अधिकतर रिटायर अधिकारी भी थे। यहीं नहीं कैबिनेट के निर्णय में छेड़छाड़ कर गलत तरीके से संकल्प निकालने की बात सामने आ चुकी है। इस संबंध में कार्मिक व कैबिनेट ने अलग-अलग जांच कराई थी।
अनियमितताएं सामने आने पर पूर्व कल्याण सचिव के श्रीनिवासन से शो-कॉज पूछा गया था। इतना ही नहीं मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने भी के श्रीनिवासन के निर्णयों से संबंधित संचिकाएं अपने पास बुलायी थी। इनमें साइकिल खरीद के टेंडर में विवाद, कल्याण विभाग के आवासीय और आश्रम विद्यालयों के संचालन को लेकर स्वंयसेवी संस्थानों का चयन जैसी बातें प्रमुख हैं।