L19 DESK : भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड में दिल्ली से बड़ा शराब घोटाला हुआ है। झारखंड में भी दिल्ली की तर्ज पर बार-बार शराब नीति बदली गयी। राज्य के लोगों को अब भी शराब की प्लेसमेंट एजेंसियों की तरफ से शराब की न्यूनतम खऱीद मूल्य से अधिक दर पर शराब बिक रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को उनकी मनपसंद ब्रांड कहीं भी नहीं मिल रहा है।
झारखंड के शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ शराब लॉबी और दिल्ली लॉबी का हाथ हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानंत्री ठीक करते हैं कि जहां परिवारवाले रहते हैं, वहां परिवारवादी मतलब घोटालों की गारंटी । बाबूलाल मरांडी काफी दिनों से राज्य में लागू नयी आबकारी नीति 2022 को रद्द कर पुरानी नीति लागू कराने की मांग करते रहे हैं। मई 2022 में झारखंड सरकार ने उत्पाद नीति लागू की थी। इसके आधार पर प्लेसमेंट कंपनियों को ही शराब से संबंधित 1580 दुकानों को संचालित करने का जिम्मा दिया गया। इसके लिए राज्य के सभी 24 जिलों को 10 जोन में बांटा गया था।
सरकार की तरफ से छत्तीसगढ़ की दो थोक कंपनी दिशिता वेंचर्स और एक अन्य कंपनी को होलसेलर नियुक्त किया गया था। इन दोनों को दिसंबर 2022 के पहले ही हटा दिया गया। दिसंबर में झारखंड स्टेट बीभरेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) को तीसरे होलसेलर के रूप में नियुक्त किया गया। झारखंड में नयी उत्पाद नीति लागू करते हुए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव ने कहा था कि छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) की तरफ से तैयार की गयी उत्पाद नीति लागू करने से सरकार के राजस्व में चहुंओर वृद्धि होगी और 25 सौ करोड़ का राजस्व सरकार को मिलेगगा। पर 31 मार्च आते आते सरकार को सिर्फ 2050 करोड़ ही मिले। सरकार ने इस दरम्यान नये सिरे से प्लेसमेंट एजेंसी की नियुक्ति करने का विज्ञापन भी निकाला।
एक मई से जेएसबीसीएल ने पांच जिलों को छोड़ 19 जिलों में अपने हत्थे शराब की बिक्री का काम ले लिया। जोन-6 और रामगढ़ तथा बोकारो को छोड़ अन्य जिलों में जेएसबीसीएल को काम मिला हुआ है। अब जेएसबीसीएल की तरफ से खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, रांची में नयी एजेंसी विजन लिमिटेड और फ्रंटलाइन ग्लोबल एनसीआर को काम दिया गया है। इन्हें दुकानें भी हैंड ओवर कर दी गयी हैं। छत्तीसगढ़ में 2160 करोड़ के शराब घोटाले में सीएसएमसीएल के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एपी त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर और अन्य की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में भी छत्तीसगढ़ की कंपनियों को हटाने का सिलसिला चल रहा है।
पहले दो प्लेसमेंट एजेंसियां सुमित फैसिलिटिज प्राइवेट लिमिटेड और प्राइम वन वर्क फोर्स लिमिटेड को हटाया गया। इसके बाद इगल हंजर को भी हटाया गया। छत्तीसगढ़ के सीएसएमसीएल के प्रबंध निदेशक रहे एपी त्रिपाठी से जुड़ी होलोग्राम बनानेवाली कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी एंड फिल्म नामक कंपनी को भी झारखंड से हटाने का फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया। अब नासिक के सरकारी प्रेस से छप कर आनेवाले होलोग्राम ही झारखंड में शराब की बॉटलों पर लगाये जा रहे हैं।