मलयेशिया में होनेवाले पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में लेना है हिस्सा
L19/DESK : मलयेशिया में होनेवाले पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने में है असमर्थ, किया प्रशासन से मदद की गुहार
देश ही नहीं झारखंड के लिए गोल मेडल जीतनेवाली राज्य के सुदूरवर्ती चैनपुर गांव की दिव्यांग असुंता टोप्पो के पास मलयेशिया में होनेवाले पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए पैसे नहीं हैं। असुंता ने नेपाल में आयोजित पैरा थ्रो बॉल में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था। उसका चयन 27 से 31 जुलाई तक मलयेशिया में होनेवाले पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता के लिए हुआ है। वह आर्थिक रूप से काफी कमजोर है, इसकी वजह से प्रतियोगिता में सेलेक्शन होने के बाद भी वह मलयेशिया जाने में असमर्थ है। उसके पास प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए 66 हजार नहीं हैं।
असुंता के अनुसार रजिस्ट्रेशन चार्ज देखने के बाद उसने अपनी खेल के प्रति जुनून को अपने अंदर ही दबा दिया। उसने बताया कि झारखंड सरकार किसी प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए मदद नहीं करती है। सभी खिलाड़ी अपने पैसे से ही खेलने जाते हैं। असुंता ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं गुमला उपायुक्त सुशांत गौरव से ही मदद की गुहार लगाई है। असुंता ने कहा कि प्रशासनिक तौर पर मदद मिलने से मैं और बेहतर प्रदर्शन करते हुए देश के लिए मेडल दिलाऊंगी। असुंता टोप्पो एक पैर से विकलांग है। माता पिता की मौत के बाद काफी आर्थिक तंगी भी झेलनी पड़ रही है। विकलांगता पेंशन से मिलनेवाले एक हजार रुपये से वह अपना गुजारा जैसे तैसे करती है। बड़ी बहनों द्वारा समय-समय पर मिलने वाले कुछ आर्थिक सहयोग के सहारे ही असुंता ने पीजी तक की पढ़ाई पूरी की। असुंता को खेल के प्रति जुनून बचपन से ही था। असुंता टोप्पो ने अपनी काबिलियत और मेहनत के बलबूते बेहतर प्रदर्शन दिखाते हुए पैरा थ्रोबॉल इंडिया टीम में जगह बनाई। जिसके बाद 19 से 21 फरवरी 2023 को हुए भारत-नेपाल प्रतियोगिता में चयन हुआ। उस समय भी असुंता ने कई सरकारी दरवाजे खटखटाए मगर कहीं से मदद नहीं मिली। असुंता ने कई दोस्त व रिश्तेदारों से उधार लेकर भारत के लिए खेलने नेपाल गई।