L19/Sahibganj : साहिबगंज के चर्चित रेबिका पहाड़ीन हत्याकांड मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने तीन आरोपियों को जमानत दे दिया है। इसमें आमिर हुसैन, महताब और गुलेरा शामिल हैं। ये तीनों मुख्य अभियुक्त दिलदार अंसारी के रिश्तेदार हैं। अदालत ने शर्तों के साथ आरोपियों को रोज थाना में आकर हाजिरी लगाने का निर्देश दिया है और 25-25 हजार रुपये के निजी मुचलका भरने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत ने दिया है। आरोपियों ने इस मामले में जमानत याचिका की अपील की थी जिस पर हाईकोर्ट ने आज सुनवाई की। आरोपियों की तरफ से वकील रोहन मजूमदार ने बहस की।
मामले में मुस्तकीम अंसारी, दिलदार अंसारी, मरियम निशा, गुलेरा खातुन, सरैजा खातुन, गुलेरा खातुन, महताब अंसारी, आमिर अंसारी, मैनूल हक, शहर बानो, जरीना बीबी और मैनुल अंसारी को आरोपी बनाया गया था। रेबिका की 16 दिसंबर को हत्या हुई। उसके लापता होने की सूचना बोरियो थाने में दर्ज कराई गई थी। मामले की जांच सब इंस्पेक्टर सुषमा कुमारी कर रही थी। 17 दिसंबर की शाम चार बजे के आसपास पुलिस को सूचना मिली कि बोरियो संथाली के निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र के पास कुछ कुत्ते मानव अंग को नोंच-नोंच कर खा रहे हैं। पुलिस पहुंची तो शव के कई टुकड़े दिखाई पड़े थे।
रेबिका के पति दिलदार अंसारी के भाई आमीर अंसारी, पिता मुस्तकिम अंसारी बेलटोला ने बताया था कि दिलदार अंसारी की पहली शादी सरेजा खातून के साथ हुई है। दो साल बाद दिलदार ने रेबिका पहाड़िन के साथ शादी कर ली। रेबिका पहाड़िन के आदिम जनजाति समुदाय और अलग धर्म की महिला होने के कारण दिलदार के घरवाले उसे पसंद नहीं करते थे। दिलदार ने रेबिका को कुछ समय बेंगलुरु ले जाकर रखा फिर वहां से वापस आकर बोरियो में किराए के मकान में रहने लगा। हत्याकांड के 15-20 दिन पूर्व दिलदार, दूसरी पत्नी रेबिका को लेकर जबरदस्ती बेलटोला बोरियो में अपने माता-पिता के मकान में रहने लगा था।