L19/DESK : अरब सागर के तटीय इलाकों में उठा तूफान बिपरजॉय अब बहुत स्पीड के साथ गुजरात की ओर बढ़ रहा है,इस तूफान का 15 जून की दोपहर को कच्छ जिले के जखौ पोर्ट से टकराने की संभावना है। इस दौरान तटीय इलाकों मे 150 किमी/घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।इस तूफान के चलते गुजरात और मुंबई के तटीय इलाकों में आंधी-बारिश का दौर जारी है, जिसमें पांच लोगों की मौत की खबर है।गुजरात के तटीय जिलों- कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी के तूफान प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। अभी तक 7500 लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है,वहीं कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट से 10 किलोमीटर की सीमा में स्थित गांवों के 23 हजार लोगों को आज से सुरक्षित स्थानों मे ले जा जाएगा
इधर मौसम विभाग के मंगलवार सुबह 9 बजे के अपडेट के मुताबिक बताया गया कि यह तूफान 8 किमी/घंटे की स्पीड से नॉर्थ-वेस्ट में आगे बढ़ रहा है। तूफान मंगलवार सुबह 5:30 बजे पोरबंदर से 300 किमी, द्वारका से 290 किमी, जखौ पोर्ट से 340 किमी, नालिया से 350 किमी दूर था। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात के 14 जून की सुबह तक उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है, जिसके बाद ये मुड़कर नॉर्थ-नॉर्थ ईस्ट दिशा में आगे बढ़ेगा। मौसम विभाग ने गुजरात और तटीय इलाकों मे 14 जून के लिए ऑरेंज और 15 के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, और इस दौरान मछुवारों से समुद्र मे न जाने की हिदायत डी गई है। IMD के मुताबिक, 14-15 जून के दौरान कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिले के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है वहीं 14 जून की तुलना में 15 जून को ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। अगले चार दिन तक आंधी भी चलेगी। सबसे ज्यादा असर सौराष्ट्र-कच्छ इलाके में होगा। वहीं, कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट से 10 किलोमीटर की सीमा में स्थित गांवों के लगभग 23 हजार लोगों को शेल्टर होम में पहुंचाने के लिए मंगलवार से बड़ा अभियान चलाया जाएगा। इधर इधर बिपरजॉय चक्रवात के चलते गुजरात और महाराष्ट्र में हुई पांच लोगों की मौत हो गई है।
तूफान की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक इमरजेंसी मीटिंग की, जिसमें गृह मंत्रालय, एनडीआरएफ और सेना के अधिकारी मौजूद रहे।प्रधानमंत्री ने खतरे वाली जगहों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम 24 घंटे खुले रहें और हालात पर नजर रखें। बिपरजॉय तूफान अरब सागर से 6 दिन पहले उठा था। इसका असर 10 दिनों तक रह सकता है। यह हाल के दिनों में अब तक का सबसे लंबे समय तक रहने वाला तूफान है। IIT मद्रास की स्टडी के मुताबिक, ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव में अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान लगातार और गंभीर होते जा रहे हैं। पिछले चार दशकों में अरब सागर में साइक्लोन के ड्यूरेशन में 80% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि बहुत गंभीर चक्रवातों की समय-सीमा में 260% का इजाफा देखा जा सकता है।