L19/DESK : झारखंड मे राजभवन द्वारा पहली बार जारी अवकाश कैलेंडर के विरोध में राज्यभर के शिक्षक अब गोलबंद होकर आंदोलन को मजबूर हो रहे हैं।इसी कड़ी मे बीते दिनों शिक्षकों द्वारा राजभवन के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया जो अब विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से होते हुए राजनीतिक रूप धारण कर रही है। मंगलवार को आंदोलनकारी शिक्षक राज्यपाल से मिलने और अपनी बात रखने के लिए राजभवन के पास एकत्रित हुए। समूह में शिक्षकों को देखते ही पुलिस ने तत्काल उन्हें वहां से हटा दिया। इसके बाद शिक्षक मछलीघर के समीप बैठकर राज्यपाल के आमंत्रण का इंतजार करने लगे। डॉ. कंजीव लोचन ने कहा कि वीसी प्रो. अजीत कुमार सिन्हा ने राज्यपाल से शिक्षकों की बात करने के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया था। कहा था कि सुबह 10.30 बजे वार्ता कराने का हमारा प्रयास रहेगा। एक घंटा से अधिक समय तक प्रतीक्षा के बाद विवि शिक्षक आक्रोशित होकर अपने-अपने शिक्षण संस्थान में वापस लौट गए। शिक्षकों ने कहा कि हमारे साथ धोखा हुआ है। दो घंटे बाद वीसी प्रो. सिन्हा ने डॉ ज्योति प्रकाश को सूचना देकर बताया कि राज्यपाल तक शिक्षकों की व्यथा और आक्रोश को पहुंचा दिया गया है। डॉ. अशोक नाग, डॉ. ज्योति प्रकाश, डॉ. प्रशांत गौरव ने कहा कि अचानक तय अवकाश को री-शिड्यूल करने से एकेडमिक प्लान चरमरा गया है। हमें देश के अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों की तरह 20 नहीं, 40 दिन अवकाश चाहिए।
आरयू के पूर्व सीनेट सदस्य प्रतुल शाहदेव ने यूनिवर्सिटी शिक्षकों की मांग का समर्थन किया है। ट्वीट कर कहा है कि विवि और कॉलेज के शिक्षक पढ़ाना छोड़कर सड़क पर हैं। बिना कारण बताए उनके ग्रीष्मावकाश में कटौती की गई है। शिक्षक जब सड़क पर होते हैं तो उसका संदेश नकारात्मक जाता है। विवि शिक्षक अवकाश में रिसर्च समेत एकेडमिक कार्य कर अपने को अपग्रेड करते हैं।
मौके पर मुख्य रूप से डॉ. आनंद कुमार ठाकुर, डॉ. पूनम निगम सहाय, डॉ. समीरा सिन्हा, डॉ. अभय कृष्ण सिंह, डॉ. सीमा प्रसाद, डॉ. सुनीता कुमारी, डॉ रोजलीना सिंह, डॉ. राहुल, जय प्रकाश, डॉ. शिखा समेत अन्य थे। डॉ. कंजीव लोचन ने कहा कि राज्यपाल से वार्ता के आमंत्रण का इंतजार करेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।