L19/Bokaro : जिले के कसमार प्रखंड स्थित सेवाती घाटी में बोकारो फॉरेस्ट डिवीजन द्वारा प्लेन टेबल सर्व का काम शुक्रवार को पूरा किया गया। खुलासा हुआ कि बंगाल फॉरेस्ट ने करीब 85 फुट अंदर घुसकर झारखंड के हिस्से में अपना बोर्ड लगाया है। सर्वे में यह स्पष्ट हुआ कि बंगाल फॉरेस्ट ने झारखंड के हिस्से में लगभग 600 फुट अंदर तक कब्जा करने का प्रयास किया था। बोकारो फॉरेस्ट के अमीन विनय महतो ने कहा कि करीब एक सप्ताह के प्लेन टेबल सर्वे में यहां अंतरराज्यीय सीमा के रेखांकन में सफलता मिली है।
सेवाती घाटी का झरना ही झारखंड और बंगाल की अंतरराज्यीय सीमा है
महतो के अनुसार यह स्पष्ट हुआ कि सेवाती घाटी का झरना ही झारखंड और बंगाल की अंतरराज्यीय सीमा है तथा बंगाल फॉरेस्ट ने सीमा रेखा से करीब 85 फुट अंदर झारखंड के हिस्से में बोर्ड लगाया है। बताया कि एक सप्ताह के दौरान सीमावर्ती गांव जुमरा एवं पाड़ी गांव के सभी रैयती प्लॉट, नदी-नाला, तालाब आदि के अलावा सेवाती के पहाड़ी हिस्सों तथा बंगाल के तीन सीमाना तक का मिलान व सर्वे किया गया. बताया कि सर्वे रिपोर्ट तथा उसका नक्शा बनाकर एक-दो दिनों में बोकारो डीएफओ को सौंप दिया जायेगा।
सेवाती घाटी पर बंगाल फॉरेस्ट का दावा गलत
महतो यह भी बताया कि रविवार को रांची के विशेषज्ञ संतोष कुमार सिंह डीजीपीएस सर्वे के अधूरे कार्य को भी पूरा करेंगे। इसके तहत गूगल मैप में दिखनेवाली गड़बड़ी में सुधार किया जाएगा, ताकि सीमा रेखा को लेकर कोई दुविधा नहीं रहे। इधर, बोकारो डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि सेवाती घाटी को लेकर सभी जरूरी डाटा जुटाये जा रहे हैं। डीएफओ ने कहा कि उन्हें भी यही लगता है कि सेवाती घाटी पर बंगाल फॉरेस्ट का दावा गलत है। उन्होंने कहा कि प्लेन टेबल और डीजीपीएस सर्वे के अलावा कसमार सीओ को भी सरकारी अमीन से मापी कराने का निर्देश बोकारो डीसी ने दिया है।
सेवाती घाटी झारखंड के हिस्से में स्पष्ट होने पर खुशी जताई
मौके पर प्लेन टेबल सर्वे के सहयोगी टेकलाल गोस्वामी, वनरक्षी पिंटू सोरेन, आजसु नेता महेंद्रनाथ महतो, मुखिया प्रतिनिधि मनोज कुमार महतो, स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता रूपेश कुमार महतो, रमेश महतो, परेश महतो, नकुल महतो, सुखराम मुंडा, रामेश्वर महतो, कुल्लू महतो, मनोज महतो, प्रकाश महतो, अखिलेश्वर महतो, विजय मुंडा, कामेश्वर महतो आदि मौजूद थे। स्थानीय ग्रामीणों ने प्लेन टेबल सर्वे में सेवाती घाटी झारखंड के हिस्से में स्पष्ट होने पर खुशी जताई है।
वरीय भूमापक विनय महतो ने प्लेन टेबल सर्वे को पूरा किया
विदित हो कि तीन मई को बंगाल फॉरेस्ट ने सेवाती घाटी में अपना एक बोर्ड लगा कर उसे अपना हिस्सा बताया था। इस पर गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो के अलावा स्थानीय ग्रामीणों ने कड़ी आपत्ति जतायी थी। सात मई के अंक में ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर के बाद बोकारो डीएफओ रजनीश कुमार ने इसे गंभीरता से लिया और यहां अंतरराज्यीय सीमा को रेखांकित करने के लिए मापी का काम शुरू कराया। दो दिनों की मापी में कोई निष्कर्ष नहीं निकला, तो उन्होंने प्लेन टेबल सर्वे और डीजीपीएस सर्वे का निर्णय लिया। हजारीबाग पूर्वी फॉरेस्ट डिवीजन से जरूरी सामग्री मंगाकर वरीय भूमापक विनय महतो ने प्लेन टेबल सर्वे को पूरा किया।