L19/Bokaro : कसमार प्रखंड आम उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि कर रहा है। लगभग 500 एकड़ में आम की बागवानी की जा रही है। आम की बागवानी से महिला समूहों को भी अच्छी कमाई हो रही है। वाले कुछ वर्षों में जिले का सबसे बड़ा आम उत्पादन करने वाला प्रखंड बन जाएगा। यहां लगभग 500 एकड़ में मल्लिका और आम्रपाली सहित विभिन्न प्रजाति के आम की बागवानी की जा रही है।
शुरुआत बिरसा मुंडा आम बागवानी से हुआ
कसमार प्रखंड में केवल बिरसा मुंडा आम बागवानी योजना के तहत 386 एकड़ में आम की बागवानी की गई है। वहीं कई किसानों ने लगभग 100 एकड़ से अधिक भूमि पर आम की बागवानी की है। आदिवासी बहुल गांव सुदी की महिलाओं के समूह के द्वारा भी 22 एकड़ भूमि पर आम की बागवानी की है, जो अब उनकी कमाई का जरिया बन गया है।
जिले में सबसे अधिक आम बागवानी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में 20 एकड़, वर्ष 2018-19 में 02 एकड़ में बिरसा मुंडा आम बागवानी योजना के तहत बागवानी की गई, लेकिन कम मेहनत और कम लागत में बगीचा तैयार होता देख किसानों ने वर्ष 2020-21 में 108 एकड़, वर्ष 2021 -22 में 100 एकड़ और वर्ष 2022-23 में 156 एकड़ भूमि पर आम की बागवानी की गई। प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, जिले में सबसे अधिक आम बागवानी कसमार प्रखंड में ही हुआ है।
सुदी की महिलाएं बनीं प्रेरणा
कसमार प्रखंड के मुरहूल सुदी पंचायत में आदिवासी कुर्मी बहुल गांव सुदी में वर्ष 2013-14 में महिलाओं ने आम बागवानी शुरू की थी। दो महिला समूह ने लगभग 22 एकड़ भूमि पर आम के लगभग 600 पेड़ लगाए थे, जो आज लहलहा रहे हैं। वर्ष 2022 में महिलाओं ने अपने बागान से अच्छी आय प्राप्त किया था। महिलाओं द्वारा आम बागवानी की सफलता से गांव के अलावा आसपास के लोग भी काफी प्रेरित हुए।
इसके परिणाम स्वरूप मनरेगा के तहत लोगों ने कई एकड़ भूमि पर आम की बागवानी का काम शुरू कर दिया। समूह की महिला ने बताया कि इस वर्ष कम बारिश के कारण थोड़ा प्रभाव पड़ा है, लेकिन फिर भी अच्छा फल आने की उम्मीद है। अगर फल बच गए तो काफी अच्छी आय होगी।