L19 Desk : झारखंड के जमीन रैयतों के लिये बड़ी खुशखबरी है, अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रशासन की पहल से राज्य के जमीन दलालों, भूमाफियाओं को बड़ा झटका लगने वाला है, और मूल रैयतों को उनका अधिकार मिलने वाला है। लोकतंत्र 19 पिछले 2 सालों से लगातार जमीन लूट की खबर आप दर्शकों तक पहुंचाता रहा है, हम बताते रहे हैं कि राजधानी रांची में खास तौर से कैसे ज़मीन दलाल रैयतों और आदिवासियों की ज़मीन पर कब्जा करके उनकी हकमारी करते हैं। ज़मीन लूट के मामले में हम सरकार पर भी सवाल खड़े करते रहे हैं। अब इसका सकारात्मक असर दिखने लगा है, संदेश मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है, और जमीन दलालों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए रैयतों को उनकी ज़मीन वापस दिलाने का काम शुरु हो गया है।
ज़मीन दलालों के खिलाफ सरकार व प्रशासन अलर्ट
दरअसल, जमीन के मामलों में सरकार और प्रशासन अब पूरी तरह अलर्ट हो गयी है, साथ ही जमीन दलालों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने की भी तैयारी कर रही है।
जिन रैयतों का नाम पंजी 2 में शामिल नहीं था, दाखिल खारिज के मामले 10-20 सालों से लटके पड़े थे, आदिवासी जमीन को गैर आदिवासी बनाकर सादा पट्टा में जमीन को बेचा जा रहा था, ऐसे मामलों में अब सरकार और प्रशासन सख्ती दिखाते हुए त्रुटियों को दूर करने का प्रयास कर रही है।
ज़मीन म्यूटेशन के निपटारे के लिये 9 फरवरी को लगेगा शिविर
कल यानि कि 9 फरवरी को राजधानी रांची के 6 अंचल कार्यालयों में राजस्व निवारण शिविर लगाया जायेगा। इस शिविर के माध्यम से 10 डिसमिल तक की ज़मीनों के म्यूटेशन के मामलों का निपटारा होगा। राजधानी रांची के शहरी अंचल, ओरमांझी, कांके, मांडर, नामकुम, और रातू अंचल कार्यालय में लगने वाले शिविर में बिना आपत्ति 30 दिन और आपत्ति के साथ 90 दिन में 10 डिसमिल तक के मामलों का निपटारा किया जायेगा।
जमीन म्यूटेशन रद्द होने की बतायी जायेगी वजह
इस दौरान निष्पादित मामलों का शुद्धि-पत्र स्थल पर ही आवेदकों को सौंप दिया जायेगा, मतलब कि आप आवेदक हैं, अगर आपके जमीन के म्यूटेशन का काम 10-20 सालों से फंसा हुआ था, और कैंप में आपके मामले का निपटारा हो जाता है, तो उसी वक्त अंचल अधिकारी की तरफ से आपको एक सर्टिफिकेट दे दिया जायेगा, कि आपके जमीन का निपटारा हो चुका है, और आपका नाम उसमें चढ़ गया है, और याद से आपको ये सर्टिफिकेट ले लेना है।
इस दौरान अगर आपका लैंड का म्यूटेशन रद्द हो जाता है, तो इसकी वजह भी आपको बतायी जायेगी। आवेदकों को बुलाकर बताया जायेगा कि किस वजह से उनके आवेदन रद्द किये गये हैं। वहीं, जिन आवेदकों द्वारा म्यूटेशन से संबंधित कागजात जमा नहीं किये गये हैं, उसको अटैच कर दोबारा आवेदन करने के लिये भी कहा जायेगा।
रांची डीसी ने शिविर को लेकर की थी बैठक
इस शिविर को लेकर पिछले दिनों रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने सभी अचलाधिकारियों के साथ बैठक की थी। डीसी ने स्पष्ट किया कि सूची में उपलब्ध कराये गये मामलों में से कोई भी मामला अगर अंचल राजस्व निरीक्षक या कर्मचारी के लॉगिन में पाया गया, तो उनकी खैर नहीं, उनके ऊपर कार्रवाई की जायेगी।
अब तय समय सीमा में ही होगा म्यूटेशन कार्य
ज़मीन म्यूटेशन से संबंधित एक और बड़ा फैसला लिया गया है। राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने राजस्व कर्मियों के लिये ऑनलाइन म्यूटेशन कार्य को लेकर समय की बाध्यता तय कर दी है। इसके तहत अब कर्मी सुबह आठ बजे से लेकर रात के नौ बजे तक ही म्यूटेशन का काम कर सकेंगे। सुबह आठ बजे से पहले या फिर रात 9 बजे के बाद ऑनलाइन म्यूटेशन के लिये लॉगिन फंक्शन नहीं करेगा। इससे पहले म्यूटेशन के काम के लिये समय की कोई बाध्यता नहीं थी, कर्मी कभी भी वसुधा के लॉगिन में जाकर म्यूटेशन का काम कर लेते थे, लेकिन अब समय सीमा के अंदर ही ये काम हो सकेगा।
बता दें कि इससे पहले बीते 2 फरवरी को राजधानी रांची के अनगड़ा, अरगोड़ा, बड़गाई, बेड़ो, बुंडू, बुढ़मू, चान्हो, हेहल, इटकी, और नगड़ी अंचल में दाखिल खारिज के लिये शिविर लगाया गया था, जिसमें कुल 534 आवेदन का निष्पादन किया गया था। शिविर लगाकर जमीन के मामलों के निपटारे का यह फैसला रैयतों के लिये बड़ी राहत का सबब बन गया है, वहीं दूसरी तरफ जमीन दलालों के लिये ये किसी बड़े झटके से कम नहीं है।
लोकतंत्र 19 के अथक प्रयासों का सकारात्मक असर
ज़मीन लूट के खिलाफ हमारा चैनल लोकतंत्र 19 लगातार आवाज़ उठाता रहा है, हमारी टीम जमीनों पर गैर कानूनी रूप से सीओ औऱ थाना प्रभारियों के हस्तक्षेप को बड़ी बेबाकी से उजागर करती रही है। अब ये आवाज़ सरकार तक पहुंच गयी है, जिसके बाद प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।
पलामू सीआई का घूस लेते हुआ था वीडियो वायरल
वहीं, पिछले दिनों पलामू जिले के मोहम्मदगंज अंचल के अंचल राजस्व निरीक्षक मुकेश कुमार का घूस लेते एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ था। इस वीडियो में वह लैंड म्यूटेशन के नाम पर एक वृद्ध महिला से खुल्लमखुल्ला घूस लेते दिखायी दे रहे थे। ये वीडियो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक भी पहुंची और उन्होंने मामले में संज्ञान लेने का आदेश दिया। इससे पहले भी ऐसे मामलों के खुलासे होते रहे हैं, जहां जमीन में सुधार के नाम पर सीओ बीडीओ कार्यालय में मुंह फाड़कर घूस ली जाती है।
हेमंत सोरेन ने दी थी सीओ बीडीओ को चेतावनी
इन्हीं सबको देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते चार फरवरी को धनबाद में झामुमो के स्थापना दिवस कार्यक्रम के बीच कहा था कि सीओ बीडीओ का कार्यालय जमीन दलालों का अड्डा बन गया है। इस दौरान उन्होंने अंचल अधिकारियों कर्मियों और बीडीओ स्तर के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि हमारी नज़र ऐसे अधिकारियों पर बनी हुई है, और बहुत जल्द ही हम एक ऐसी मुहिम चलायेंगे जहां कोई भी बीडीओ सीओ कुछ हेराफेरी करते पकड़े जायेंगे, तो उनपर तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से हटा देंगे।