L19 DESK : त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है। रविवार से दुर्गा पूजा की अराधना शुरू हो गयी। दशहरा, दीपावाली और छठ महापर्व आने वाले हैं। इन पर्वों को मनाने के लिए लोगों ने अपने घर जाने की प्लानिंग शुरू कर दी है। इसको लेकर ट्रेन, बस और फ्लाइट की टिकटें आसमान छू रही हैं। ना तो फ्लाइट में ही टिकटें मिल रही है और ना ही ट्रेनों में। सभी जगह सीटें फुल है यहां तक कि वेटिंग लिस्ट के लिए लंबी कतार लग गई है। अधिकतर लोगों ने पहले ही टिकटों की बुकिंग करा ली है, जिसकी वजह से काफी दिक्कतें होने लगी हैं।
छठ महापर्व न सिर्फ बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, पश्चिमी उत्तरप्रदेश में भी धूमधाम से मनाया जाता है। नवंबर 2023 में यह महापर्व पड़ रहा है और इस पर्व में लोग अक्सर अपने घरों की वापसी करते है। राजधानी रांची से बिहार जाने वाली लगभग सभी ट्रेनों की सीटें फुल हो गई हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि छठ पर अपने घर बिहार जाने के दौरान यात्रियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन और जनशताब्दी को छोड़कर बिहार जाने वाली लगभग सभी ट्रेनों में अभी से लेकर 16 नबंवर तक सीटें फुल हो चुकी है। यानी 16 नवंबर तक ट्रेनों में कोई सीटें उपलब्ध नहीं है। बिहार जाने वाली ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट की बात करें तो सबसे अधिक हटिया गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस और राउरकेला-जयनगर एक्सप्रेस में है। राउरकेला-जयनगर एक्सप्रेस की स्लीपर कोटे में 300 वेटिंग लिस्ट चल रही है। दिल्ली से रांची गरीब रथ एक्सप्रेस की स्थिति भी कमोबेश यही है।
कोसी सुपर एक्सप्रेस, पाटलिपुत्रा एक्सप्रेस, हटिया इस्लामपुर एक्सप्रेस समेत अन्य कई ट्रेनों का भी यही हाल हैं। हटिया-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस में 16 और 17 नवंबर तक के लिए एक भी सीट नहीं है, लेकिन 18 नवंबर की तिथि के लिए कुछ सीटें खाली हैं। इधर, यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रांची रेल मंडल ने मुख्यालय को केवल गोरखपुर और जयनगर के लिए ही स्पेशल ट्रेन चलाने का प्रस्ताव भेजा है। जबकि महापर्व छठ में स्पेशल ट्रेनों की मांग अक्सर बढ़ जाती है। रेलवे की तरफ से दावा किया गया है कि मुख्यालय से स्पेशल ट्रेनों का प्रस्ताव मौजूदा स्थिति को देखते हुए समय-समय पर भेजा जाता है।