L19 DESK : लोगों के रोजमर्रा में इस्तेमाल आने वाली साबुन, शैंपू और बिस्किट जल्द ही महंगी होने वाली है. इसके पीछे की वजह बीते साल सितंबर महीने में पाम आयल में 20 प्रतिशत तक आयात शुल्क की बढ़ोतरी को माना जा रहा है.
दरअसल, सरकार ने रिफाइंड और कच्चे पाम आयल पर सितंबर में आयात शुल्क में बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद से ही खाद्य तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, दूसरी तरफ पाम आयल से बनने वाले साबुन, शैंपू, कपड़े धोने वाला पाउडर, चाकलेट, बिस्किट जैसे उत्पादों के भी नए साल में महंगे होने के आसार हैं.
HUL यानी हिंदूस्तान यूनिलीवर लिमिटेड से लेकर गोदरेज तक साबुन के दाम में नौ प्रतिशत तक की बढ़ोतरी चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कर चुकी है. आपको बता दें कि पाम आयल के महंगे होने से अन्य सभी खाद्य तेलों पर भी इसका दबाव दिखाई पड़ रहा है.