L19 DESK : झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम मामले में स्टेटस रिपोर्ट सौंपेगी । वीरेंद्र राम मामले में ईडी यह उल्लेख करने जा रहा है कि गिरफ्तार चीफ इंजीनियर ने टेंडर के कमीशन में किन-किन किन लोगों तक राशि पहुंचाई । टेंडर कमीशन के खेल में किन-किन ब्यूरोक्रेट्स व राजनेताओं की सहभागिता थी।
ईडी की अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि वीरेंद्र राम ने 17 ब्यूरोक्रेट्स और राजनेताओं तक कमीशन की राशि पहुंचाई। चीफ इंजीनियर की जब्त मोबाइल के डाटा का भी एनालिसिस कर स्त्रोतों की जांच कर रही है ।
अब ईडी की इस रिपोर्ट के बाद वीरेंद्र राम से जुड़े राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स की परेशानियां बढ़ सकती हैं। ईडी की इस रिपोर्ट के बाद संभावना यह भी बन रही है कि वीरेंद्र राम मामले की जांच सीबीआई को भी दी जा सकती है। अगर वीरेंद्र राम का मामला सीबीआई को जाता है तो झारखंड में एक बार फिर राजनीतिक भूचाल आ सकता है, क्योंकि इसमें कई ब्लू कालर्ड और नामचीन लोग फंसेंगे।
वीरेंद्र राम ने बनाई है 125 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति
ईडी की छापेमारी में वीरेंद्र राम की तरफ से अर्जित 125 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध संपति का पता चला था । ईडी ने जब वीरेंद्र राम को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो यह भी बात सामने आई कि उसने टेंडर मैनेज करने के लिए ली गई कमीशन राशि ऊपर तक नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स को पहुंचाए। ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में उल्लेख किया था कि वीरेंद्र राम ने टेंडर अवार्ड करने से पहले 0.3% कमीशन लिया। कमीशन राशि ऊपर तक पहुंचाई, इसमें कई ने उसको सहयोग किया।