L19/RANCHI : आज भी विश्व मे करीब 200 करोड़ लोगो के पास पीने का स्वचछ पानी नहीं है , जो पूरी दुनिया का लगभग 30 प्रतिशत जनसंख्या के बराबर है | इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र संघ ने जल और स्वछता संकट को हल करने की दिशा में तेजी लाने को केंद्र बिन्दु में रहा है | देश में करीब 6 प्रतिशत आबादी स्वच्छ जल से दूर है | युगांतर भारती के कार्यकारी अध्यक्ष अंशुल शरण ने बताया की झारखंड जो जल जंगल से परिपूर्ण है , यंहा पर भी 30 प्रतिशत लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं है |
संथाल एवं पलामू प्रमंडल के कई जिलों के पनि में फ्लोराइड , आर्सेनिक एवं आयरन की अत्यधिक मात्रा है | विकास के नाम पर प्राकृतिक ससंधनों का अत्यधिक एवं अविवेकपूर्ण दोहन हो रहा है | जिसने वन समाप्त हो रहे है साथ ही झरना , झील , तालाब जैस जलाशय भी समय पूर्व सूख रहे है | जिस कारण प्राणियों के समक्ष पेयजल की घोर समस्य हो रही है |