L19 DESK : झारखंड सरकार की नयी आबकारी नीति (शराब पॉलिसी) को लेकर प्रवर्तन निदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालय छत्तीसगढ़ से राज्य के दो आइएएस अफसरों को नोटिस भेजी गयी है। झारखंड के उत्पाद सचिव विनय चौबे और उत्पाद आयुक्त करण सत्यार्थी को नोटिस भेजा गया है। जल्द ही इन्हें रायपुर में जाकर अपना पक्ष रखना होगा। बताते चलें की झारखंड में नयी शराब नीति मई 2022 में लागू की गयी थी। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) को सलाहकार नियुक्त किया गया था। सलाहकार कंपनी को सरकार ने एक करोड़ से अधिक का भुगतान भी किया था। इससे पहले एक उच्च स्तरीय टीम छत्तीसगढ़ गयी थी, जहां उसने शराब की बिक्री के विभिन्न फारमुले का अध्य्यन कर झारखंड सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। इस नीति का अध्य्यन करने के लिए आइएएस अफसर प्रशांत कुमार के नेतृत्व में पांच लोग रायपुर के दौरे पर गये थे।
छत्तीसगढ़ में मनी लाउंड्रिंग, शराब घोटाला और कोयला कारोबारियों के खिलाफ इडी की जबरदस्त तफ्तीश चल रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री की आप्त सचिव रही सौम्या चौरसिया को इडी ने हिरासत में लिया था। इसके अलावा छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के प्रबंध निदेशक एपी त्रिपाठी, उनकी पत्नी, उनके बेटे, रायपुर के मेयर अनवर ढेबर, शराब सिंडिकेट के सरगना सिद्धार्थ सिंघानिया, शराब निर्माता अनिल टूटेजा समेत अन्य मेंबरों पर अपनी दबीश बढ़ा दी है। इडी ने सिद्धार्थ सिंघानिया की डायरी और फोन काल्स को ट्रैप कर लिया है। इसी में झारखंड में नयी उत्पाद नीति को लागू करने के लिए दिये जानेवाले चढ़ावे की बातें भी सामने आयी हैं।
यह कहा जा रहा है कि कोरोना की वजह से झारखंड सरकार से कारोबारियों और छत्तीसगढ़ सिंडिकेट ने शराब की खुदरा दुकानों की बंदोबस्ती की जगह, उसे मैनपावर कंपनियों के जरिये चलाने का संशोधन करवाया। इसके अलावा झारखंड में छत्तीसगढ़ की दो थोक विक्रेता कंपनी दिशिता वेंचर्स और ओम साईं प्राइवेट लिमिटेड को थोक व्यापार करने की इजाजत दी गयी। नतीजतन छत्तीसगढ़, बंगाल, मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश तथा अन्य जगहों से अवैध शराब की खेप झारखंड के बाजारों तक पहुंची। हालांकि झारखंड स्टेट बीभरेज कारपोरेशन लिमिटेड इसी वर्ष जनवरी माह में तीसरे थोक विक्रेता के रूप में काम कर रही है।
झारखंड सरकार ने सीएसएमसीएल के एपी त्रिपाठी, सिद्धार्थ सिंघानिया, अनवर ढेबर और अनिल टूटेजा के कहने पर ही झारखंड के 24 जिलों को 10 जोन में बांट कर प्लेसमेंट एजेंसी नियुक्त करवाया। इनमें प्राइम वन, सुमीत फैसिलिटीज, इगल हंटर, ए2जेड प्राइवेट लिमिटेड और जीडीएक्स फैसिलिटिज को प्लेसमेंट एजेंसी के रूप में नियुक्त करा दिया। जेएसबीसीएल की तरफ से इन चारों कंपनियों की 48 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी अक्तूबर-नवंबर 2022 में सीज की गयी। इसी तरह 36 करोड़ रुपये थोक विक्रेता कंपनियों के भी जब्त कर लिये थे। 31 मार्च 2023 तक नयी शराब नीति से सरकार को 2050 करोड़ का रेवेन्यू ही हासिल हो सका। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शराब घोटाले की जांच कराने की मांग की थी