इरफान अंसारी का सपना आखिरकार पूरा हो गया। जिस विभाग की वह चाहत रखते थे, वह विभाग उन्हें मिल गया है। इरफान अंसारी की ख्वाहिश थी कि उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया जाए, अरे भाई MBBS की पढ़ाई की है मंत्री जी ने, डॉक्टरेट की डिग्री है, नाम के आगे डॉक्टर लगता है, ऐसे में भैया स्वास्थ्य मंत्रालय तो बनता है। यही कहकर इरफान अंसारी ने बन्ना गुप्ता को फिर से स्वास्थ्य मंत्री बनाने का विरोध किया था, जब पिछली सरकार में नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद मंत्रियों को विभाग बांटे जा रहे थे। मंत्री जी ने अपने ही दल के विधायक और दसवीं पास तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की जमकर आलोचना की थी।
कांग्रेस के मंत्रियों को मिला ये विभाग
खैर, इंडिया गठबंधन की ताबड़तोड़ जीत के बाद हेमंत सोरेन की सरकार का गठन हुआ, पहले हेमंत सोरेन ने अकेले मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, इसके हफ्ते भर बाद मंत्रियों का शपथ ग्रहण हुआ, और आज फाइनली मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी हो गया। अब सिलसिलेवार ढंग से आपको बताते हैं कि किस मंत्री को कौन सा विभाग सौंपा गया है। शुरुआत कांग्रेस कोटे के मंत्रियों से ही करते हैं। सबसे पहले बात करें इरफान अंसारी की, तो उन्हें स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ आपदा प्रबंधन, खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग सौंपा गया है। जबकि पिछली सरकार में उनके सिर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी थी। ये विभाग इस बार दीपिका पांडेय सिंह को सौंपा गया है। दीपिका को पिछली सरकार में कृषि एवं पशुपालन विभाग का कार्यभार सौंपा गया था, जिसका जिम्मा इस बार सबसे कम उम्र वाली मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की को मिला है। वहीं, वित्त मंत्रालय सहित वाणिज्य कर, योजना एवं विकास और संसदीय कार्य का जिम्मा राधाकृष्ण किशोर को मिला है। पिछली सरकार में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव थे। कुल मिलाकर पिछली सरकार में जो भी विभाग कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के पास थे, वह इस सरकार में भी बरकरार है। कांग्रेस मंत्रियों का चेहरा भले बदल गया है, लेकिन विभाग नहीं बदला।
झामुमो ने अपने मंत्रियों को दिया ये विभाग
वहीं, बात करें झामुमो कोटे के मंत्रियों के विभाग की, तो शुरुआत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ही होती है, जिन्होंने कार्मिक, गृह, पथ निर्माण और भवन निर्माम जैसे महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे हैं। ये सभी विभाग राज्य के विकास और प्रशासन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इससे साफ जाहिर है कि मुख्यमंत्री खुद इन विभागों पर सीधी नजर रखना चाहते हैं।
इसके अलावा, जेएमएम कोटे से मंत्री रामदास सोरेन को स्कूली शिक्षा, साक्षरता और निबंधन विभाग का जिम्मा दिया गया है। दीपक बिरूआ को राजस्व, निबंधन, भूमि सुधार और परिवहन विभाग सौंपा गया है। जबकि चमरा लिंडा अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति औऱ पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। हफीजुल हसन जल संसाधन और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की देखरेख करेंगे। योगेंद्र प्रसाद पेयजल, स्वच्छता, उत्पाद और मद्य निषेध विभाग देखेंगे। सुदिव्य कुमार सोनू को नगर विकास, आवास, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद और युवा कार्य विभाग की जिम्मेदारी दी गयी है।
राजद के खाते में गया श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण, कौशल विकास और उद्योग विभाग
एक आखिरी नाम राजद खेमे के मंत्री संजय प्रसाद यादव का है, जिन्हें श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण, कौशल विकास और उद्योग विभाग सौंपे गए हैं। कुल मिलाकर, पिछली सरकार में जिस पार्टी के पास जो मंत्रालय था, वह रिपीट हुआ है, मंत्रियों के चेहरों में फेरबदल जरूर हुआ है, लेकिन विभाग वहीं के वहीं हैं।