l19/ DESK : साल 2024 के आखिर में झारखंड में विधानसभा चुनाव की तय समय सीमा निर्धारित है लेकिन केंद्रीय चुनाव आयोग की तैयारियों को देखते हुए निर्धारित समय से पहले विधानसभा चुनाव की प्रबल संभावना दिख रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी 15 सितंबर तक चुनाव की घोषणा हो सकती है। बताते चले कि केंद्रीय चुनाव आयोग महाराष्ट्र और हरियाणा के साथ ही अक्तूबर में झारखंड में भी चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है।
झारखंड में तय समय से पहले चुनाव होने के प्रबल कारणों में से एक कारण यह दिख रहा है कि झारखंड में मतदाता पुनरीक्षण का कार्य महाराष्ट्र और हरियाणा के साथ किया जाना है,क्यूंकि वर्ष 2019 में महाराष्ट्र और हरियाणा की मतदाता सूची का द्वितीय पुनरीक्षण कार्य झारखंड के साथ नहीं कराया गया था। साथ ही गत चुनाव के पूर्व किये गये मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन अक्तूबर में किया गया था,वहीं, इस बार आयोग ने 20 अगस्त को ही मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की तिथि तय की है,ऐसे में जल्द चुनाव कराने की प्रबल संभावना देखने को मिल रही है।
ज्ञात हो कि चुनाव आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण के लिए एक जुलाई को ही अर्हता तिथि तय की है. तर्क भी दिया जा रहा है कि अगर आयोग को नवंबर में चुनाव की घोषणा करनी होती, तो मतदाता पुनरीक्षण के लिए एक अक्तूबर की अर्हता तिथि तय होती. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूँ चुनाव आयोग के पास किसी सरकार का कार्यकाल पूरा होने के 180 दिन पूर्व चुनाव की घोषणा करने की संवैधानिक शक्ति प्राप्त है.इस दौरान आयोग अपनी सुविधा के मुताबिक, चुनाव की तिथि का निर्धारण कर सकता है। हालांकि, किसी सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के कम से कम 45 दिनों पूर्व अनिवार्य रूप से चुनाव की घोषणा करना संवैधानिक बाध्यता है।
इधर चुनाव आयोग 11 जुलाई को राज्य के सभी उपायुक्तों के साथ मतदाता पुनरीक्षण के साथ चुनावी तैयारियों की भी समीक्षा करेगा. 10 जुलाई को चुनाव आयोग के वरीय उपचुनाव आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा व नितेश व्यास झारखंड आ रहे हैं। उनके साथ आयोग के प्रधान सचिव अरविंद आनंद भी होंगे। उसी शाम को अधिकारी राज्य के मुख्य चुनाव पदाधिकारी के साथ मतदाता पुनरीक्षण और चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। 11 जुलाई को वे राज्य के सभी उपायुक्तों के साथ भी बैठक कर समीक्षा करेंगे. समीक्षा बैठक रामगढ़ जिला के पतरातू में होगी। बताते चले कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में बार बार ये अटकलें लगाई जा रही है महाराष्ट्र हरियाणा के साथ ही झारखंड में भी विधानसभा चुनाव किया जाये ताकि आयोग को बार बार कराने की समस्या से मुक्ति मिल सके।