L19/DESK : मांगों के समर्थन में सोमवार को राज्यभर की सहिया राजभवन के समक्ष जुटीं और धरना- प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि वे ईमानदारी से अपना काम कर रही हैं। वे राज्य की सेहत की रीढ़ हैं। सुरक्षित प्रसव, जच्चा-बच्चा की सुरक्षा, टीकाकरण अभियान, पल्स पोलियो अभियान, कुष्ठ रोगी की पहचान, फाइलेरिया व क्षय रोगी की पहचान कर मरीज को दवा उपलब्ध करवाना, कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाना, गर्भवती की जांच कराना उनका काम है। इसलिए सरकार से हमारी मांग है कि हमें 2 हजार रुपए नहीं, बल्कि 18,500 रुपए फिक्स मानदेय दे। इससे पहले स्वास्थ्य सहिया संघ के आह्वान पर सभी सहिया का जुटान मोरहाबादी में हुआ। वहां से पैदल मार्च करते हुए राजभवन के समक्ष पंहुचे। इन लोगों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
गर्मी व उमस के बीच प्रदर्शन कर रहों कई सहिया बेहोश हो गई। इस पर अन्य सहिया ने पुलिस से एंबुलेंस मंगाने को कहा, पर उसके बदले पीसीआर भेज दी गई। इस पर सहिया ने हंगामा किया। कहा- अब आरपार की लड़ाई के बाद ही दम लेंगे।
प्रदर्शन ने बिगाड़ी ट्रैफिक व्यवस्था सड़कें जाम, मेन रोड में फंसी एंबुलेंस ने सोशल मीडिया पर मांगी मदद रांची धरना-प्रदर्शन और पुलिस के मिस-मैनेजमेंट ने सोमवार को शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त कर दी। प्रमुख सड़कों पर दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। इधर, स्कूल बसों के अलावा एंबुलेंस को भी जाम के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शहर की प्रमुख सड़कों पर एंबुलेंस भी जाम में फंसी रहीं। मेन रोड में देर शाम एक एंबुलेंस काफी देर तक जाम में फंसी रही, जिसके बाद सोशल मीडिया पर मैसेज भेजकर मदद करने का आग्रह किया गया। हालांकि, इसके बावजूद काफी देर तक एंबुलेंस जाम में फंसी रही।
ट्रैफिक पुलिस चाहकर भी वाहन सवार को जाम से निजात नहीं मिली। देर शाम तक वाहन धीरे- धीरे आगे बढ़ते रहे। ट्रैफिक पुलिस ने नहीं बनाई ठोस योजना प्रदर्शन को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस की ओर से न तो कोई ठोस प्लान तैयार किया गया था और न ही वाहनों को डायवर्ट करने का कोई आदेश जारी किया गया। इस कारण दिनभर जाम लगा रहा। वाहन सवार परेशान रहे