L19 DESK : चुनाव के नज़रिये से साल 2024 बेहद अहम साबित होने वाला है। इस साल लोकसभा और झारखंड विधानसभा के चुनाव होंगे। मगर इसी साल राज्यसभा की दो सीटों के लिये भी चुनाव होना है। एक सीट कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू और दूसरी भाजपा से समीर उरांव के सेवानिवृत्त होने के कारण खाली होगा। यह दो सीटें फिलहाल बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। इससे झारखंड की राजनीति में सरगर्मी बढ़ सकती है।
तीन मई को दोनों वर्तमान राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से चुनाव में प्रत्याशी उतारने के लिये कौन सी रणनीति अपनायी जायेगी, ये तय नहीं है। मगर ये चर्चा है कि इस बार कांग्रेस की सीट पर झामुमो दावेदारी कर सकता है। गौरतलब है, नये साल के शुरुआत के साथ झारखंड की राजनीति ने एक नया मोड़ लिया था। गांडेय विधानसभा सीट से झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से कयासों का बाजार गर्म हो गया था।
तब से लेकर अब तक ये कयास लगाये जा रहे हैं कि सरफराज अहमद या उनके बेटे को राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिये टिकट दी जा सकती है। हालांकि, ये केवल चर्चा ही है, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है। वहीं दूसरी ओर भाजपा आजसू पार्टी के एनडीए गठबंधन की भी रणनीति अब तक तय नहीं है।
बता दें कि 29 दिसंबर 2019 में झाऱखंड में कांंग्रेस झामुमो व राजद के गठबंधन वाली सरकार अस्तित्व में आने के बाद से राज्यसभा के दो चुनाव हुए। दोनों बार झामुमो ने ही सीट पर अपनी दावेदारी की। मार्च 2020 में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और दूसरी बार साल 2022 में महुआ माजी को राज्यसभा भेजा गया।
वहीं, इस बार झारखंड से कांग्रेस कोटे की सीट खाली हो रही है। इसे लेकर कहा जा रहा है कि कांग्रेस सीट पर अपनी दावेदारी कर सकती है, मगर फैसला गठबंधन के साथ बैठक कर के ही लिया जायेगा। गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा में झामुमो के पास अब 29 सीटें हैं। ऐसे में राज्यसभा की एक सीट पर जीत हासिल करने के लिये प्रत्याशी को 28 वोटों की आवश्यकता होगी।