L19/Ranchi : साल के अंत में ईडी ने सीएम को एक बड़ा तोहफा दिया है। जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक बार फिर से ईडी ने समन भेजा है। और इस बार उन्हें आखरी वार्निंग दी गयी है। मगर क्या इस बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गिरफ्तार हो जायेंगे? ये उलझन सबके मन में है।
पहले बात करते हैं कि ईडी ने समन भेजकर मुख्यमंत्री से क्या कहा है। दरअसल, रांची के जमीन घोटाला मामले में ईडी ने सीएम को समन भेजकर आखिरी मौके की बात कही है। सीएम को भेजे गये पत्र में ईडी ने लिखा है कि हेमंत सोरेन सात दिनों के अंदर बयान दर्ज करायें। इस बीच दो दिनों का समय उपयुक्त जगह तय करने को भी दिया गया है, जहां ईडी सीएम से पूछताछ कर सके। ईडी ने इसी सिलसिले में भेजे गये पत्र को सातवां समन करार दिया है। साथ ही जगह से संबंधित सूचना दो दिनों के अंदर लिखित रूप से देने को कहा है।
अब सीएम हेमंत सोरेन बार बार ये कहते रहे हैं कि ईडी उनसे किस बारे में पूछताछ करना चाहती है, ये क्लियर नहीं कर रही है। क्लियर ये भी नहीं है कि उनसे केवल जानकारी लेने के लिये ईडी कार्यालय में बुलाया जा रहा है या फिर आरोपी के तौर पर। जबकि उनकी सारी संपत्तियों का ब्योरा इनकम टैक्स विभाग में दर्ज है। यह पब्लिक डोमेन में भी मौजूद है, इसके बाद ईडी क्या पूछना चाहती है। तो इसका जवाब भी ईडी ने अपने पत्र के माध्यम से दिया है।
रांची के जमीन घोटाला मामले में होनी है पूछताछ
ईडी ने सीएम को जानकारी दी है कि बड़गाई अंचल के राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप के मामले में दर्ज ईसीआईआर की जांच की जा रही है। यह इसीआईआर दस्तावेज में छेड़छाड़ और जालसाजी से जुड़ा है। मामले में जांच के दौरान आपका बयान दर्ज करने के लिये 6 समन भेजे गये, लेकिन आप ईडी कार्यालय नहीं आये। इसके लिये आपने निराधार कारण बताये। समन के आलोक में आपके हाजिर न होने की वजह से मामले की जांच में अड़चन पैदा हो रही है और जांच प्रभावित है।
इस बार बयान दर्ज न कराने पर सीएम के खिलाफ होगी कार्रवाई : ईडी
अब तक भेजे गये 6 समन में अनुपस्थिति को देखते हुए आपको पीएमएलए की धारा 50 के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिये आखिरी मौका दिया जा रहा है। इसके साथ ही ईडी ने सीएम से ये भी कहा है कि अगर आप इस समन को भी ठुकरा देते हैं तो ये समझा जायेगा कि आप जानबूझकर ईडी द्वारा भेजे गये समन का अनुपालन नहीं करना चाहते हैं। ये पत्र या समन अपने अधिकार के तहत दुर्भावना से प्रेरित हुए बिना आपको भेजा जा रहा है। ताकि जानबूझकर इसका अनुपालन न करने पर उचित कार्रवाई की जा सके।
इस पत्र या समन के माध्यम से ये समझ आता है कि ईडी ने हेमंत सोरेन को आखिरी मौका दिया है, ताकि वे इस बार अपना बयान दर्ज करायें। लेकिन ये नहीं बताया गया है कि अगर इस समन के बाद भी हेमंत सोरेन 7 दिनों के अंदर ईडी के समक्ष हाजिर नहीं होते हैं, तो अगला स्टेप क्या होगा, हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया जायेगा, या फिर कोई और सख्त कदम उठाया जायेगा, इसके बारे में ईडी ने पत्र में कुछ भी नहीं बताया है।
क्या हैं ईडी के अधिकार ?
यदि हेमंत सोरेन इस बार भी ईडी ऑफिस नहीं पहुंचते हैं, तो ईडी के पास क्या क्या अधिकार मौजूद हैं। क्या ईडी हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर सकती है? तो पहले जानते हैं कि जिस पीएमएलए का हवाला ईडी ने दिया है, और सीएम सोरेन जिस पीएमएलए की धाराओं पर सवाल खड़े करते रहे हैं, वह धारा आखिर कहती क्या है।
पीएमएलए की धारा 50 के तहत ईडी के अधिकारों का उल्लेख है। ईडी को किसी व्यक्ति को समन जारी करने, दस्तावेजों की जांच करने, बयान दर्ज करने का अधिकार प्राप्त है। वहीं, पीएमएल की धारा 50 (3) के तहत समन जारी करने पर बुलाये गये व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से या किसी अधिकृत अधिकारी के जरिये उपस्थित होना होगा। इसके अलावा, उन्हें किसी भी विषय पर सच्चाई बतानी पड़ेगी, और जरूरत पड़ने पर दस्तावेज भी पेश करने पड़ेंगे।
वहीं, पीएमएलए की धारा 19 के तहत ईडी को किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार है।
दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने उठाया था ईडी के अधिकारों पर सवाल
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले पर सुनवाई के दौरान ये कहा था कि ईडी को समन जारी करने का तो अधिकार है, लेकिन अपनी इच्छा के अनुसार गिरफ्तारी का नहीं। कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले ईडी को ये सुनिश्चित करना होगा कि गिरफ्तार किया जाने वाला व्यक्ति पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी है, न कि किसी दूसरे अधिनियम के तहत। और जब ईडी गिरफ्तारी कर रही हो, तो उसी वक्त गिरफ्तार करने की वजहों की कॉपी गिरफ्त में आये व्यक्ति को थमा देना होगा। इसके साथ ही जिन वजहों से ईडी किसी को गिरफ्तार करेगी, ये वजहें उनके अधिकार के दायरे में आना चाहिये। यानि ईडी के पास गिरफ्तारी के लिये पर्याप्त आधार हो।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा था कि अगर कोई समन के बावजूद पूछताछ में उसे सहयोग नहीं करता, तो केवल यह उसकी गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता। गिरफ्तारी तभी हो सकती है, जब ईडी अधिकारी को ये विश्वास हो कि आरोपित अपराध में संलिप्त है।
क्या ईडी के पास हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने का अधिकार है ?
हेमंत सोरेन के केस में अगर वह ईडी कार्यालय में इस बार भी हाजिर नहीं होते हैं, तो ईडी उन्हें केवल इस आधार पर गिरफ्तार नहीं कर सकती है कि वह समन के बावजूद नहीं उपस्थित हो रहे। गिरफ्तारी के लिये ईडी के पास पुख्ता आधार होना चाहिये। हेमंत सोरेन उस अपराध में शामिल पाये जाते हैं, तभी ईडी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। हालांकि, इस विषय पर ईडी फिलहाल कानूनी सलाह ले रही है। इसके बाद ही कोई कार्रवाई की जायेगी।
हालांकि, ये तो देखने वाली बात है कि इस बार हेमंत सोरेन ईडी के समक्ष हाजिर होते हैं, या फिर इस बार भी समन को ठुकरा देंगे।