L19 DESK : ज्ञानवापी केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका दिया है। टाइटल सूट को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की सभी याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ (सिंगल बेंच) ने यह फैसला सुनाया है। हिंदू पक्ष के 1991 के मुकदमे को मुस्लिम पक्ष ने चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल कराई थी। हालांकि कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया है साल 1991 में वाराणसी की अदालत में दायर मूल वाद की पोषणीयता को यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतेजामिया कमिटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
अदालत ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। केस में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर कुल 5 याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी, जिसमें से 3 याचिकाएं आर्कियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वे आदेश और 2 याचिकाएं सिविल वाद की पोषणीयता के खिलाफ थीं। इनमें दो याचिकाओं में 1991 में वाराणसी की जिला अदालत में दायर मूल वाद की पोषणीयता और 3 याचिकाओं में अदालत के परिसर के सर्वे आदेश को चुनौती दी गई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का हवाला देते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि ज्ञानवापी परिसर में इस कानून के तहत कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकती है।