L19/DESK : ओरमांझी के वेस्ट बैंड गारमेट्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिकों ने 200 कर्मियों का पीएफ और ईएसआइ का पैसा हड़पा कर्मचारियों ने ओरमांझी थाने में दर्ज करायी प्राथमिकी राजधानी रांची के ओरमांझी स्थित एक रेडीमेड गारमेंट्स फैक्टरी के दो सौ से अधिक कर्मियों ने थाने में शिकायत कर मालिक रितेश सिंह और कमल पारीक पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। वेस्ट बैंड गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक पर कर्मचारियों ने भविष्य निधि (पीएफ) और कर्मचारी भविष्य निधि (इएसआइ) का पैसा जमा नहीं कर, उसे हड़पने का आरोप लगाया है। कर्मचारियों ने थाना प्रभारी से गुहार लगाई है कि उनके मेहनत का पैसा उनको दिलवाएं। कर्मचारियों ने सोमवार को वेस्ट बैंड गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक के खिलाफ लिखित शिकायत की है। इन कर्मचारियों ने कंपनी के मैनेजर पर उन्हें लगातार गुमराह करने का भी आरोप लगाया।
कर्मचारियों ने लिखित आवेदन में कहा है कि कंपनी के मालिक रितेश सिंह और कमल पारीक ने दो साल पहले तक उनका पीएफ और ईएसआई का अंशदान वेतन से काटा, लेकिन उसे जमा नहीं करवाया। वेस्ट बैंड गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों ने कहा है कि जब भी वे मालिक रितेश सिंह और कमल पारीक से बात करने की बात करते हैं, कंपनी के मैनेजर राजीव रंजन आश्वासन देते हैं कि अगले महीने पीएफ और ईएसआई दोनों का पैसा जमा जमा करवा दिया जाएगा। इसी तरह कंपनी के दोनों मालिक और मैनेजर ने मिलकर कामगारों को अंधेरे में रखा।
लिखित शिकायत में कर्मचारियों ने कही है ये बातें
लिखित शिकायत में कहा गया है कि 28 अगस्त 2023 को मैनेजर राजीव रंजन और मानव संसाधन विभाग (एचआर) के अधिकारी सबा परवीण ने सभी कर्मचारियों को एक सप्ताह की छुट्टी दे दी। प्रबंधन ने कहा था कि रक्षा बंधन है, इसलिए एक सप्ताह तक सभी लोग छुट्टी पर रहेंगे। 4 सितंबर 2023 को कर्मचारी काम करने के लिए कंपनी पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि एक सप्ताह की और छुट्टी दी जा रही है। कामगारों ने जब छुट्टी दिये जाने के बाबत पता करना शुरू किया कि, तो उन्हें मालूम हुआ कि अब कंपनी कभी नहीं खुलेगी। वेस्ट बैंड गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बंद हो गई है। यह सुनते ही कंपनी के कर्मचारियों के होश उड़ गए। सभी कर्मी तत्काल मैनेजर राजीव रंजन के पास पहुंचे. राजीव ने उन्हें बताया कि कंपनी बंद हो गई है। मैनेजर ने यह भी कहा कि वह तीन महीने पहले ही इस्तीफा दे चुका है। कंपनी के मालिक रितेश सिंह और कमल पारीक से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
उधर, ओरमांझी के थाना प्रभारी ने कहा है कि कंपनी के कर्मचारियों की ओर से एक लिखित शिकायत मिली है। पुलिस इस पर कार्रवाई करेगी। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि 13 सितंबर को मालिक के साथ उनकी वार्ता कराई जाएगी। इसके बाद कर्मचारी अपने-अपने घर चले गए। बता दें कि कर्मचारियों में 90 फीसदी महिलाएं हैं। इनमें से 70 फीसदी ओरमांझी से बाहर की रहने वाली हैं, जिनका कहना है कि परिवार चलाना भी मुश्किल हो जाएगा।