L19 DESK : भारत में G20 नेताओं का शिखर सम्मेलन आगामी 9-10 सितंबर होने वाला है। इस पर कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार पर चुनावी अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए कहा है की लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
बता दे की कॉंग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने एक्स हेंडल पर हिन्दी में एक पोस्ट में कहा की G20 का गठन 1999 में हुआ था। 19 देश और यूरोपीय यूनियन इसके सदस्य हैं। इसके गठन से लेकर अब तक बारी-बारी से 17 देशों में G20 शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ है। अब भारत का नंबर है, लेकिन यहां इसे लेकर जिस तरह का चुनावी कैंपेन चलाया जा रहा है और माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है, वैसा किसी भी दूसरे देश में नहीं हुआ।
वास्तव में ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों के ज़रूरी मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके। हमें याद रखना चाहिए कि इसी नई दिल्ली में 1983 में 100 से अधिक देशों का गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन और उसके बाद कॉमनवेल्थ देशों का शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित हो चुका है। लेकिन तब की सरकार ने चुनावी फ़ायदे के लिए उन मौकों का इस्तेमाल नहीं किया। फिर मुझे लालकृष्ण आडवाणी की वह बात याद आ रही है। 5 अप्रैल 2014 को उन्होंने नरेंद्र मोदी को एक शानदार इवेंट मैनेजर बताया था। जनता का ध्यान भटकाने के लिए प्रधानमंत्री इवेंट मैनेजमेंट ही कर रहे हैं।
G20 सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं। समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में, भारत अगले महीने नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।