L19 DESK : झारखण्ड में फिर कुड़मी समुदाय को एसटी में शामिल करने की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है। कुड़मी की यह भी मांग है कि कुड़माली भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूचि में शामिल करके कुड़माली भाषा के लिए प्रयुक्त त्रुटिपूर्ण शब्द कुड़माली को स्कूल से कॉलेज स्तर तक अविलंब संशोधित किया जाए। रविवार को विधायक क्लब हॉल (धुर्वा) में आदिवासी कुड़मी का प्रदेश स्तरीय अधिवेशन हुआ। बता दें कि समाज की यह मांग पुरानी है लेकिन बीते एक साल में इसके लिए कई उग्र आंदोलन हुए हैं।वक्ताओं ने कहा कि कुरमाली को विद्यालय से महाविद्यालय स्तर पर पढ़ाई कराई जाए। कार्यक्रम में जनगणना की भाषा सूची में कुड़माली भाषा कोड लागू करने सहित अन्य मांग को जल्द पूरा करने को लेकर एकमत रहने का समाज के लोगों से आह्वान किया गया है। इधर, अधिवेशन के दौरान सर्वसम्मति से झारखंड प्रदेश कमेटी का गठन किया गया।
इसमें पन्नालाल महतो को प्रदेश अध्यक्ष, निवारण महतो को सचिव, लाल बहादुर बानुआर को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके अलावा संयुक्त सचिव पद पर दिवाकर काछिमा, कौशिक महतो, राजकिशोर महतो, दुलारचंद महतो को चुना गया। अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय अध्यक्ष प्रसेनजीत महतो ने कहा कि कुड़मी जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध कराना हमारी प्राथमिक संवैधानिक मांग हैं। परंतु कुड़माली भाषा को प्रतिस्थापित करना भी हमारा प्रथम परम कर्तव्य है। क्योंकि इसी से हमारे सांस्कृतिक, पारंपरिक, संवैधानिक अधिकार जड़ों से जुड़े हैं। इस संबंध में सत्र से पहले झारखंड के विधायकों को मांग पत्र सौंपा जाएगा। मौके पर केंद्रीय उपाध्यक्ष चंद्रमोहन महतो, निरंजन महतो, उमेश महतो, चुरामन महतो, रूपलाल महतो, विनोद बंसरिआर आदि बैठक में उपस्थित थे।