L19 DESK : महाराष्ट्र में रविवार को बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ। दोपहर बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजीत पवार ने डिप्टी सीएम के पद का शपथ लेते हुए एकनाथ शिंदे की सरकार ने शामिल होने का बड़ा फैसला लिया। अजीत पवार एनसीपी के आठ विधायकों छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, धर्मराव अत्राम, सुनील वलसाड, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ के साथ दोपहर दो बजे महाराष्ट्र के राजभवन पहुंचे।
तीन बजे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडवणीस की मौजूदगी में सभी को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। अजित पवार ने पांचवीं बार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री की शपथ ली। अब पांचवीं बार शिंदे की सरकार में वह उप मुख्यमंत्री बने हैं। होंगे। अजीत पवार के सरकार में शामिल होने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पहले से ज्यादा सीटें जीतेंगे।
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमारी सरकार को 40 एनसीपी विधायकों का समर्थन प्राप्त है। बताया जाता है कि अजीत पवार समेत बाकी विधायक पार्टी प्रमुख शरद पवार के पटना में विपक्षी एकता बैठक में मंच साझा करने और राहुल गांधी के साथ सहयोग करने के एकतरफा फैसले से नाराज थे। महाराष्ट्र में अगले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। शपथ समारोह के बाद अजीत पवार ने कहा- मंत्रिमंडल का और विस्तार होगा। कुछ मंत्री सरकार में शामिल हो सकते हैं।
कई दिनों से इस बारे में बातचीत चल रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के विकास के लिए पिछले नौ साल से कई काम कर रहे हैं। मुझे लगा कि हमें भी उनका साथ देना चाहिए। इसलिए मैं राजग में शामिल हुआ। महाराष्ट्र को विकास करने वाला नेतृत्व चाहिए। भुजबल और मैंने विकास को तवज्जो दी। केंद्र का सहयोग और पैसा महाराष्ट्र को मिलता रहे। इसलिए हमने यह फैसला लिया। पार्टी भी हमारे साथ है।
आगे भी सभी चुनाव हम पार्टी के नाम और सिंबल पर ही लड़ेंगे। नगालैंड में भी ऐसा हुआ था। वहां भी हमारी पार्टी के चुने गए सात विधायकों ने भाजपा के साथ जाने का फैसला लिया था। हमने उद्धव के साथ भी सरकार बनाई थी, तो शिंदे के साथ जाने में क्या गलत है। हमारे पास सरकार चलाने का अनुभव है।