L19/Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट के दूसरे एडवोकेट हिमांशू कुमार मेहता ने प्रवर्तन निदेशालय में सेना के कब्जेवाली जमीन में गलत तरके से प्रोबेट केस कर टाइटल दिलवाने में जयंत कर्नार्ड को मदद करने की बात कबूल ली है। बुधवार को इडी कार्यालय में 11 घंटे तक हुई पूछताछ में एडवोकेट हिमांशु मेहता ने कबूल किया कि सेना के कब्जेवाली जमीन के उत्तराधिकारी होने का दावा करनेवाले जयंत कर्नार्ड का पेपर उन्होंने ही बनवाया था और झारखंड हाईकोर्ट में केस भी कर दिया था। झारखंड हाईकोर्ट में जयंत कर्नार्ड ने उत्तराधिकारी होने का सबूत पेश नहीं किया था। ईडी के अनुसंधान में यह बात सामने आई थी कि जिस सेना के कब्जे वाली जमीन पर करनाड उत्तराधिकारी होने के दावा कर रहे थे वह भी फर्जी निकला।
इसलिए ईडी ने अधिवक्ता हिमांशु मेहता से लंबी पूछताछ की। ईडी ने हिमांशु मेहता से पूछा कि जयंत कर्नार्ड से कब संपर्क किया, जमीन का उत्तराधिकारी घोषित करने के लिए क्या-क्या कागजात जुटाए, कोर्ट में जयंत को जमीन का कैसे दावेदार घोषित करवाया गया और सेना से किराया वसूला गया वगैरह-वहैरह। हिमांशु पर यह भी आरोप था कि उन्होंने जयंत कर्नार्ड से 1.25 करोड़ से अधिक की रकम ली थी। इसे भी हिमांशू मेहता ने स्वीकार किया और कहा कि अपने जूनियर वकीलों के लिए भी जयंत कर्नार्ड से उसने 9 लाख रुपये लिये थे। ईडी को यह भी बताया कि उन्होंने जयंत कर्नार्ड से संपर्क नहीं किया, बल्कि जयंत ने ही उनसे मुलाकात की थी। कागजात उन्होंने नहीं, बल्कि जयंत कर्नार्ड ने उन्हें उपलब्ध कराया था।