L19/DESK : झारखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायती राज अंतर्गत कई संस्थाएं कार्यरत हैं और ग्राम पंचायत के कार्यों के लिए हर पंचायत में पंचायत भवन भी क्रियाशील है। इधर झारखंड के सभी पंचायत के कार्यों एवं अभिलेख को डिजिटल करने तथा आम जनता को पारदर्शी सूचना उपलब्ध कराने की उचित सुविधा ग्रामीणों क्षेत्रों में फिलहाल उपलब्ध नहीं है। इतना ही नहीं, राज्य के नागरिकों को सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं का लाभ एवं विविध प्रमाण पत्रों के आवेदन एवं इसे जारी करने के लिए भी पंचायत भवन में आधारभूत संरचना एवं प्रशिक्षित मानव बल उपलब्ध नहीं है।
इसी को देखते हुए पंचायत क्षेत्रों में सूचना प्रवाह के अंतिम इकाई केंद्र निर्धारित नहीं रहने के कारण नागरिकों को उचित जीवन स्तर उपलब्ध कराने के लक्ष्य में तकनीकी पिछड़ापन को दूर करने के उद्देश्य से राज्य के 4345 ग्राम पंचायत भवनों में चरणबद्ध रूप से डिजिटल पंचायत योजना के तहत डिजिटल पंचायत केंद्र की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रस्ताव काे राज्य योजना प्राधिकृत समिति ने मंजूर कर लिया है। इसे अभी कैबिनेट में भेजा जाना है। राज्य में वित्तीय वर्ष 2023-24 से राज्य की ग्राम पंचायतों में डिजिटल पंचायत योजना प्रारंभ करने का प्रस्ताव है।
डिजिटल पंचायत केंद्र में सीएससी को सूचना तकनीक से लैस एक विश्वसनीय, वैध तथा सर्वव्यापी नेटवर्क के केन्द्रों के रूप में स्थापित किया जाएगा। जिसमें स्थानीय नागरिकों को सरकारी विभागों, व्यापारिक संस्थानों, बैंकिंग, बीमा तथा शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा सूचना तकनीक के माध्यम से प्रदत्त सुविधाओं का लाभ मिल सके।सीएससी- ई गवर्नेस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत गठित एक निकाय है, जिसका उद्देश्य सामान्य सुविधा केन्द्र योजना (सीएससी) का क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग करना है।एक डिजिटल पंचायत केंद्र की स्थापना और संचालन पर प्रतिमाह 7,550 रु. खर्च हाेंगे। इस तरह राज्य की सभी पंचायतों में डिजिटल पंचायत केंद्र की स्थापना करने पर करीब 3.28 कराेड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस पर सालाना करीब 40 करोड़ रुपए खर्च हाेंगे। कम्प्यूटर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर, मानव संसाधन, प्रशिक्षण का व्यय सीएससी ई-गवर्नेस सर्विसेस वहन करेगी।