L19 DESK : नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने स्वैच्छिक दिवाला सामाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए गो फर्स्टद्वार दायर याचिका को स्वीकार कर लिया है। NCLT ने CIRP (Corporate Insolvency Resolution Process) के तहत कार्यवाही शुरू करने के लिए गो फर्स्ट की याचिका स्वीकार कर ली है।
एनसीएलटी ने अपने इस फैसले में कहा कि हम दिवाला समाधान कार्यवाही के लिए गो फर्स्ट एयरलाइंस की याचिका स्वीकार करते हैं। दिवालिया घोषित करने से संबंधित याचिका सुनवाई करते हुए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कंपनी के बोर्ड को सस्पेंड कर दिया है। फैसले में कहा गया, हम अभिलाष लाल को अंतरिम समाधान पेशेवर यानी आईआरपी (Interim Resolution Professional) नियुक्त करते हैं।
इसमें कहा गया है कि निलंबित निदेशक मंडल आईआरपी के साथ सहयोग करेगा। निलंबित निदेशकों को तत्काल खर्च करने के लिए 5 करोड़ रुपये जमा करने के लिए भी कहा गया है। इस बीच एयरलाइन की ओर से कहा गया है कि परिचालन संबंधी परेशानियों के कारण गो फर्स्ट की 19 मई 2023 तक की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
एनसीएलटी की पीठ ने बुधवार को एयरलाइन की उस अर्जी पर भी फैसला किया, जिसमें उसकी वित्तीय देनदारियों पर अंतरिम रोक लगाने की अपील की गई थी। एनसीएलटी ने पट्टेदारों, उधारदाताओं की वसूली से भी गो फर्स्ट को संरक्षण प्रदान किया है और फिलहाल इसपर पाबंदी लगा दी है। बता दें कि गो फर्स्ट पर करीब 11,463 करोड़ रुपये की देनदारी है। वाडिया ग्रुप की कंपनी ने विमान इंजन की सप्लाई संबंधी परेशानियों का हवाला देते हुए कहा था कि वह उड़ानों का संचालन नहीं कर पा रहा है।