L19 DESK : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बीते दिनों कैबिनेट की बैठक में कुछ अहम फैसले लिये गये। बैठक में कुल 25 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। इनमें से 2 सबसे मुख्य फैसले हैं। एक तो राज्य में पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन और उसके अध्यक्ष की स्वीकृति है। दूसरा कि अब 50 साल से अधिक उम्र वाली हर महिला को हर महीने 1000 रुपये पेंशन मिलेगा। कैबिनेट मीटिंग में एक अहम फैसला ये भी रहा कि पहली बार राज्य में आदिवासी महिला को जज बनाने का प्रस्ताव हाईकोर्ट को भेजा गया है।
योगेंद्र प्रसाद बने पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष
राज्य में पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी है। गोमिया से झामुमो के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद को पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। उनका कार्यकाल 3 सालों के लिये होगा। गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष नहीं होने की वजह से राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन नहीं हो पा रहा था। मगर कुछ महीने पहले ही अमर बाउरी नेता प्रतिपक्ष बने। अब सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है जिससे कुछ मुद्दे सुलझ पाएंगे। योगेंद्र प्रसाद अब तक राज्य समन्वय समिति के मेंबर थे, मगर यहां से उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
निकाय चुनाव का रास्ता साफ
पिछड़ा वर्ग आयोग गठित न होने के कारण झारखंड में निकाय चुनाव में अटकलें आ रही थीं। अब आयोग के गठन के बाद ट्रिपल टेस्ट कराकर निकाय चुनाव की संभावनायें तेज हो गयी हैं। आपको बता दें कि राज्य सरकार ने अपने पूर्व के फैसले में निकायों के चुनाव में ओबीसी आरक्षण देने का फैसला किया था। इसके लिये सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि ओबीसी आरक्षण देने के लिये ट्रिपल टेस्ट कराना अनिवार्य है। ट्रिपल टेस्ट कराने की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को ही दिया है। लेकिन अध्यक्ष न होने के कारण ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही थी।
हालांकि, अब भी आय़ोग में सदस्य की नियुक्ति नहीं की गयी है। आयोग में कोई भी मेंबर नहीं है। संभावना जतायी जा रही है कि केशव माधव कमलेश पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य नामित किये जा सकते हैं।
पूर्व में विधायक सुदीव्य कुमार सोनू के नाम का था प्रस्ताव
इससे पहले हेमंत सोरेन ने पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद के लिये गिरिडीह विधायक सुदीव्य कुमार सोनू के नाम का प्रस्ताव रखा था, मगर अधिकारियों ने लाभ का पद होने की बात कह कर इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसके बाद से कयास यही लगाये जा रहे थे कि पिछड़ा वर्ग आय़ोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सत्तारुढ़ झामुमो के वैसे ओबीसी नेता को दी जायेगी, जो विधायक पद पर नहीं है। आपको बता दें कि पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस लोकनाथ प्रसाद थे, जिनका जनवरी 2023 में निधन हो गया। उसके बाद से ही यह पद खाली था।
50 की उम्र के बाद ही मिलेगा वृद्धापेंशन
कैबिनेट मीटिंग में राज्य सरकार ने वृद्धापेंशन की उम्र सीमा 60 वर्ष से घटाकर 50 वर्ष कर दी है। इसका मतलब है कि अब 50 वर्ष से अधिक की उम्र वाली सभी वर्ग की महिलाओं को 1 हजार रुपये हर महीने पेंशन के तौर पर दिया जायेगा। इससे पहले वद्धा पेंशन 60 साल की उम्र के बाद मिलती थी। पर अब महिलाओं की उम्र 50 साल होने के बाद से ही उन्हें 1 हजार रुपये पेंशन के तौर पर मिलने लगेगा। वहीं इस योजना का लाभ एससी एसटी तबके की महिला के साथ साथ पुरुषों को भी मिलेगा। यह लाभ जेनरल कैटेगरी के पुरुषों को नहीं मिलेगा। अनुमान है कि इस योजना से 18 लाख से भी ज्यादा लोग लाभान्वित होंगे।
जेपीएससी परीक्षा की उम्र सीमा में 7 साल तक की छूट
कैबिनेट मीटिंग में कुछ अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिये गये। जेपीएससी परीक्षा में उम्र सीमा में छूट वाले प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गयी है। अब 11वीं जेपीएससी परीक्षा के लिये अभ्यर्थियों को न्यूनतम और अधिकतम उम्र सीमा में 7 सालों की छूट मिलेगी।
इसके अलावा राज्य सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में 140 मिडिल स्कूलों को हाई स्कूलों में अपग्रेड करने का निर्णय लिया है।
गर्भवती महिलाओं को मातृ किट देने का फैसला
बैठक में महिला बाल विकास विभाग के उस प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गयी है, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को मातृ किट दिया जायेगा। इस किट में 14 तरह की सामग्री होगी। एक किट की लागत 1500 रुपये होगी, मगर प्रेगनेंट महिलाओं को इसे निः शुल्क ही उपलब्ध कराया जायेगा। ये किट करीबी 6 लाख महिलाओं के बीच बांटा जायेगा।