L19. बोकारो के कसमार प्रखंड में सबसे अधिक हरी सब्जियों की खेती की जाती है। चंडीपुर और जम्हार गांव में करीब 6 हजार एकड़ में लोग सब्जी की खेती करने का काम करते हैं, लेकिन किसानों को सबसे ज्यादा दुख तब होता है जब उन्हें सब्जियों का उचित दाम नहीं मिल पाता हैं। बोकारो के मधुकरपुर पंचायत में किसान ज्यादातर सब्जियों की ही खेती पर निर्भर हैं। पंचायत के चंडीपुर और जम्हार गांव में करीब 6 हजार एकड़ में लोग सब्जी की खेती करने का काम करते हैं। जिसकी वजह से इस इलाके को लोग बोकारो का पंजाब भी कहते हैं।
पूरा परिवार करता हैं खेती
यहां के रहने वाले लोग सब्जी की खेती करने का काम करते हैं, जिसमें इनका पूरा परिवार महिलाएं, लड़कियां, बड़े और बुजुर्ग सभी लोग शामिल होते हैं। हालांकि व्यवस्था नहीं होने की वजह से इन्हे काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद इसके सब्जियों की उपज अच्छी होती है, लेकिन उन्हें अच्छी कीमत नहीं मिलने के कारण किसान नाखुश नजर आते है. किसान हमेशा अपने बातों को बयां भी करते रहते हैं।
पानी की किल्लत
वहीं, इन किसानों को सबसे ज्यादा दिक्कत गर्मियों के मौसम में होती है। इस मौसम में पानी की कमी होने की वजह से सिंचाई करने में भी उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। किसानों का कहना है कि अगर सरकार सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त कर दे तो यहां के किसान पूरे झारखंड के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों में भी सब्जियों की आपूर्ति कर सकते हैं।
सब्जियों के सही दाम न मिलने पर नाखुश
यहां के किसानों को सरकार से पानी की व्यवस्था के साथ-साथ एक कोल्ड स्टोरेज की भी मांग करता है ताकि सब्जियों की कम कीमत होने पर ये अपनी सब्जियों को स्टोर कर सकें और दाम बढ़ने पर अपनी सब्जियों को बाजार में बेंच सकें.। ताकि इनकी लागत का उचित मूल्य मिल सके और उनका परिश्रम सफल मिल सके।