L19 DESK : कोरोना के नए वैरिएंट XBB1.16 को लेकर झारखंड सरकार भले ही सावधानी बरतने के आदेश दे रही है, लेकिन अभी तक किसी तरह की खास तैयारी नहीं हो रही है। बाकि राज्यों में संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जो चिंता का विषय है। राजधानी में कहीं भी टेस्टिंग और ट्रैकिंग सिस्टम पर काम नहीं किया जा रहा।
आरटीपीसीआर कोरोना जांच के लिए रिम्स में सैंपल भेजा जाता है, पर जांच किट पड़ी है लेकिन कोई सैंपल है ही नहीं। अभी हाल में ही दो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गये थे । हांलाकि इन दोनों का जिनोम सिक्वेंसिंग हुआ ही नहीं, जबकि इसके लिए मशीन भी खरीदी जा चुकी है ।
अब स्थिति यह है कि जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन में एक बार में 90 सैंपल का ही टेस्ट हो सकता है, हांलाकि इतने पाजिटिव सैंपल हैं नहीं, जिस वजह से वैरिएंट का पता नहीं चल रहा है।कोरोना वैक्सीन के सभी डोज खत्म हो चुके हैं, जो की बेहद ही गंभीर विषय है। रिम्स में शनिवार को 20 डोज की व्यवस्था की गई है।
रिम्स माइक्रोबायलाजी विभाग के एचओडी डॉ. अशोक कुमार शर्मा ने बताया की नए वैरिएंट से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। यह वैरिएंट अक्टूबर-नवंबर में ही भारत में आ चुका है, जिसके बाद लोगों में हार्ड इम्युनिटी बढ़ गयी है । वहीं, कोविड वैक्सीन ने भी इम्युनिटी बूस्टर का काम किया है।
इस बीच लोगों को कई लोग इस वैरिएंट की चपेट में आए होंगे लेकिन धीरे-धीरे उनके अंदर हार्ड इम्युनिटी डेवलप होती चली गई है। लेकिन, कोरोना जैसी कोई भी लक्षण दिखाई पड़े तो तुरंत डॉक्टर से सुझाव लें।
कहीं भी कोविड जांच नहीं
कुछ दिनों से कोरोना के नए संक्रमन मिलने शुरू हुए हैं। इस बीच हांगकांग फ्लू (एच3एन2) के भी संक्रमित मिले, हांलाकि इसके बाद भी जांच में गति नहीं आयी। स्थिति यह है कि कहीं भी जांच की व्यवस्था नहीं हुई है । निजी लैब में व्यवस्था है, लेकिन वहां 500 रु. तक खर्च आता है।
इलाज की व्यवस्था अबतक तय नहीं
नए वैरिएंट भले ही अभी झारखंड में नहीं दिख रहा हो, लेकिन इसके इलाज के तरीकों पर भी सवाल उठ रहा है। अभी तक इस संक्रमण का इलाज किस तरह से होगा, इसकी कोई ठोस जानकारी तक नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज के लक्षण देखकर इलाज करने की व्यवस्था है। मरीज में जो लक्षण होगा, उसी के हिसाब से उनका इलाज किया जाएगा।
तेजी से फैलने वाला वैरिएंट
डॉ. अशोक शर्मा बताया की XBB 1.16 वैरिएंट ओमिक्रोन का सब वैरिएंट है, जो अभी तक खतरनाक नहीं दिख रहा है हांलाकि यह सबसे तेजी से फैलने वाला कोविड सबटाइप है। यह बहुत ही तेज़ गति से बढ़ सकता है, फैल सकता है।लेकिन, इस वायरस की चपेट में आकर मरने वालों का आंकड़ा अभी तक सामने नहीं आया है ।
इसके लक्ष्ण क्या है
इसके लक्षण भी कोरोना के जैसे ही हैं, लेकिन इसमें शुरुआती दौर में ही समस्या थोड़ी ज्यादा नज़र आनी शुरू हो जाती है। इसके लक्षणों में बुखार, गले में खराश, सर्दी, सिरदर्द, शरीर में दर्द और थकान शामिल हैं। यह पाचन तंत्र और श्वांस प्रणाली को भी प्रभावित कर सकता है, जिसके कारण सांस लेने में काफी समस्या आ सकती है।
क्या है उपचार
इस नए कोरोना के वैरिएंट से बचने के लिए वहीं उपाय हैं, जो कोरोना संक्रमण से बचने के लिए निर्देश दिए गये थे । कोरोना गाइडलाइन का ही पालन कर इस संक्रमण से बचा जा सकता है। साथ ही अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार ले।