L19/DESK : नावाडीह प्रखंड के ऊपरघाट स्थित कंजकिरो पंचायत के आदिवासी गांव वनडीहवा के ग्रामीण पानी की तलाश में दिनभर नदी-नाला भटक रहें है। यहां की स्थिति ऐसी हो गयी है कि गांव के दो चापानलों से दो बाल्टी पानी भी नसीब हो रहीं है। सीसीएल के सीएसआर फंड से लगे चार जल मिनार के चारों टंकी इस भीषण गर्मी में फट गया है। बोरिंग से पानी भरते के साथ ही टंकी फटे होने के कारण गिर कर बर्बाद हो जाता है। लगभग तीन किमी दूर गोदोनाला से यहां की महिलाऐं दिनभर चुआं से पानी की जुगाड़ करते है। यहां की महिलाओं की एक महिना से यहीं दिनचर्या बन गयी है।
इस गांव में 70 घर एसटी परिवार : आदिवासी गांव वनडीहवा में में 70 घर निवास करते हैं। 300 की आबादी है। संवाददाता गांव के ग्रामीणों ने अपनी दुखड़ा सुनाते हुए कहते है कि भले ही राज्य में सरकार हेमंत सोरेन का है, लेकिन आज भी आदिवासी गांवों में कई प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ग्रामीण मोतीलाल बेसरा का कहना है कि गांव के दो चापानलों से बड़ी मुश्किल से सुबह-शाम दो बाल्टी पानी निकलता है। खेत में बनी डाडी में बाल्टी भर पानी नहीं निकलता है। सीसीएल के सीएसआर फंड से लगा चार जल मिनार इस भीषण गर्मी से फट गया है।छोटकीकुड़ी व पिपराडीह का भी जल मिनार फटाः सीसीएल के सीएसआर फंड से पलामू पंचायत के छोटकीकुड़ी और पिपराडीह गांव में भी लगाया गया जल मिनार इस भीषण गर्मी में फट गया है। जल मिनार फटने से यह शोभा की वस्तु बन गयी है। ठेकेदार रामशकल सिंह व बुधन सिंह ने छोटकी कुड़ी, पिपराडीह व वनडीहवा में जल मिनार सीएसआर फंड से लगवाया था।
गिरीडीह सांसद से गुहारः वनडीहवा के आदिवासी ग्रामीण गिरीडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी से गुहार लगाए है। ग्रामीणों का कहना है कि लोकल कई जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके है। लेकिन कोई नहीं सुने। अब सांसद से उम्मीद लगाए बैठ़े है।
फोटो-आदिवासी गांव में फटा पड़ा जल मिनार व चुंआ से पानी भरती महिलाऐं।
पत्रकार – रामचंद्र अंजाना (बोकारो थर्मल)