L19 DESK : पूरे भारतवर्ष के लोगों के लिए शुभ सन्देश, सहारा इंडिया में निवेश करके फंसे लोगों के लिए बड़ी राहत की बात है। निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह के द्वारा ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ (Sahara Refund Portal) लॉन्च कर दिया। इस पोर्टल के जरिए सहारा के निवेशक अपना पैसा क्लेम करेंगे। पैसा रिफंड पाने के लिए सहारा की 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक आवेदन कर सकते हैं। सहारा में करीब 10 करोड़ निवेशकों के पैसे फंसे हुए हैं, इसमें सबसे ज्यादा निवेशक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लोग है। लंबे समय तक पैसा वापस नहीं मिलने पर निवेशकों के द्वारा केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की गयी थी। केंद्र सरकार के इस फैसले से करोड़ों निवेशकों को बड़ा लाभ होने वाला है।
केंद्र सरकार के द्वारा लॉच किये गए पोर्टल https://mocrefund.crcs.gov.in के माध्यम से सहारा समूह के चार को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशकों को ही पैसा वापस मिलेगा। बताया जा रहा है कि पोर्टल के माध्यम से केवल वो निवेशक पैसा वापसी के लिए आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में अपना निवेश किया था।
जमाकर्ता के वही पैसे वापस होंगे जो 22 मार्च 2022 से पहले जमा हुए थे।
आवेदन करने से पहले निवेशक को पता करना होगा कि सहारा समूह की किस समिति में पैसा लगा है। साथ ही, आवेदक के पास इससे जुड़े सारे दस्तावेज होने चाहिए। सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में जमाकर्ता के वही पैसे वापस होंगे जो 22 मार्च 2022 से पहले जमा हुए थे। जबकि, स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैदराबाद के 29 मार्च 2023 से पहले के निवेशक आवेदन कर सकते है।
आवेदन के बाद सहारा सोसाइटी के द्वारा 30 दिनों के अंदर वेरिफाइ किया जाएगा
सहारा इंडिया में निवेश करने वाले लोगों को सबसे पहले सरकार के द्वारा लॉच साइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा। जहां से इनके मोबाइल नंबर पर एक मैसेज भेज जाएगा। इसके बाद, उनके दावे को सहारा सोसाइटी के द्वारा 30 दिनों के अंदर वेरिफाइ किया जाएगा। इसके बाद सरकारी अधिकारियों के द्वारा इस पर 15 दिनों के अंदर इस पर कार्रवाई की जाएगी। निवेशक का दावा अप्रूव होने पर राशि सीधे आधार नंबर से जुड़े एकाउंट में भेज दिया जाएगा। सहारा निवेशकों अपना-अपना केंद्र सरकार के द्वारा लॉच किये गए पोर्टल https://mocrefund.crcs.gov.in/ में जा कर रजिस्ट्रेशन/आवेदन करें।
इन 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक करेंगे आवेदन
- सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड लखनऊ
- सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड भोपाल
- हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड कोलकाता
- स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैदराबाद
अभी केवल 10,000 रुपए तक का ही रिफंड मिलेगा
अमित शाह ने कहा कि पहले फेज में जमाकर्ताओं को 10,000 रुपए तक का ही रिफंड मिलेगा। यानी अगर जमा राशि 20,000 भी है तब भी केवल 10,000 रुपए ही अकाउंट में ट्रांसफर होंगे। लगभग 1.07 करोड़ निवेशक ऐसे हैं जिन्हें पूरा पैसा मिलेगा क्योंकि उनका निवेश 10,000 रुपए तक का ही है।
पहले फेज में 5,000 करोड़ रुपए का रिफंड
शाह ने कहा कि पहले फेज में कुल 4 करोड़ निवेशक ऐसे हैं जिन्हें 5,000 करोड़ रुपए का रिफंड दिया जाएगा। इसके बाद, हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और उनसे ज्यादा धनराशि जारी करने का अनुरोध करेंगे ताकि 10,000 से अधिक राशि वाले दूसरे डिपॉजिटर्स का कुल रिफंड दिया जा सके।
सहारा रिफंड पोर्टल से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब
1. जमाकर्ता के पास क्या-क्या डिटेल्स होनी चाहिए?
- सदस्यता संख्या
- जमा खाता संख्या
- आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर
- जमा प्रमाणपत्र/पासबुक
- ई.पैन कार्ड (यदि दावा राशि 50,000/- और अधिक है)
2. यदि मेरे पास पैन कार्ड नहीं है तो क्या होगा?
यदि दावा राशि 50,000/- और इससे ज्यादा है तो जमाकर्ता के पास पैन कार्ड होना चाहिए। अगर नहीं है तो इसे बनवाना होगा।
3. क्या आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट अनिवार्य है?
डिपॉजिटर्स के पास आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और आधार से जुड़ा बैंक अकाउंट होना जरूरी है। इसके बिना रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
4. बैंक अकाउंट से आधार सीडिंग की जांच कैसे करें?
बैंक अकाउंट के साथ आधार लिंक है या नहीं इसकी स्थिति की जांच करने के लिए UIDAI वेबसाइट पर जाएं।
5. क्या जमाकर्ता को एक ही दावा प्रपत्र में सभी डिपॉजिट की डिटेल्स देना आवश्यक है?
जमाकर्ता को सभी जमाओं की डिटेल्स एक ही दावा फॉर्म (प्रपत्र) में जोड़कर देना होगा। जमा प्रमाणपत्र या पासबुक की कॉपी भी अपलोड करनी होगी।
6. क्या जमाकर्ता दावा फॉर्म जमा करने के बाद और दावे जोड़ सकता है?
जी नहीं, दावा फॉर्म जमा करने के बाद जमाकर्ता कोई दावा नहीं जोड़ सकते। इसलिए एक बार में ही ठीक से फॉर्म भरें।
7. जमाकर्ता को कैसे पता चलेगा कि उसका फॉर्म सफलतापूर्वक पेश हो गया है?
दावा सफलतापूर्वक प्रस्तुत होने पर, पोर्टल पर एक रसीद संख्या दिखाई देगी और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS भी आएगा।
8. जमाकर्ता को रिफंड की राशि कितने दिनों में मिलेगी?
अप्रूवल के बाद जिस तारीख को आपने दावा किया है उससे 45 दिनों के अंदर दावा राशि आधार से जुड़े अकाउंट में आ जाएगी।
9. क्या जमाकर्ता दावा आवेदन आंशिक रूप से भरने के बावजूद बाहर निकल सकता है?
जी हां, जमाकर्ता पोर्टल से बाहर निकल सकता है। बाद में फिर से लॉगइन कर प्रोसेस जहां छोड़ी थी वहां से कंटीन्यू कर सकता है।
10. क्या जमाकर्ता किसी भी फाइल टाइप में डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकता है?
डॉक्यूमेंट्स को पीडीएफ/जेपीईजी/पीएनजी/जेपीईजी2 में ही अपलोड कर सकते हैं।
5,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर होंगे
सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों/जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था। मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के बकाया के भुगतान के लिए ‘सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट’ से 5,000 करोड़ रुपए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) में ट्रांसफर किए जाएं।
जस्टिस सुभाष रेड्डी की निगरानी में पूरी की जाएगी प्रोसेस
डिपॉजिटर्स को पैसा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आर सुभाष रेड्डी की निगरानी में लौटाया जाना है। इस मामले में एडवोकेट गौरव अग्रवाल जस्टिस रेड्डी को असिस्ट करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2012 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) को इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने के निर्देश के बाद सहारा-सेबी एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे। जिसमें सहारा ग्रुप की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे।