L19 DESK : रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी मन की बात कार्यक्रम के दौरान झारखंड की स्नेहलता चौधरी की सराहना की। सरायकेला-खरसावां की स्नेहलता चौधरी का ज़िक्र करते हुए पीएम ने कहा कि उन्होंने अंगदान कर समाज के लिए एक बहुत बड़ा उदाहरण पेश किया है। स्नेहलता प्रेरणा का स्त्रोत हैं। इनकी इस महानता लिए उन्हें हम नमन कर बधाई देते हैं। ऐसे दानवीर महान कार्य कर अंगदान का महत्व समझा कर जाते हैं।
इनके जैसे दानवीरों की देश को बहुत आवश्यकता है। अंगदान कर बहुत से लोगों की जान बचायी जा सकती है। इसलिए ज़्यादा से ज़्यादा डोनर्स को आज आगे आकर अंगदान करने की ज़रुरत है।
स्नेहलता चौधरी और उनके परिवार का यह काम बेहद सराहनीय है। सरकार की ओर से अंगदान को प्रोत्साहित करने हेतु नीति में अहम बदलाव किये जा रहे हैं। पूर्व में जहां अंगदान के लिए 65 साल तक की उम्र का होना ज़रुरी था, अब इसमें बदलाव कर किसी भी उम्र के नागरिक अंगदान के लिए योग्य हैं। साथ ही, डोमिसाइल की आवश्यकता भी हटा दी गयी है।
कैसे हुई थी स्नेहलता चौधरी की मृत्यु
बता दें, स्नेहलता चौधरी 17 सितंबर विश्वकर्मा पूजा के दिन मॉर्निंग वॉक के लिए निकली थी। इस दौरान 1 बाइक सवार ने उन्हें धक्का मार दिया। सिर पर गहरी चोट लगने के कारण उन्हें जमशेदपुर के अस्पताल में भर्ती कर ऑपरेशन किया गया। आगे की इलाज के लिए उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इसके बाद 30 सितंबर को उन्हें ब्रेन डेड करार दिया गया। मृत्यु के पश्चात स्नेहलता के परिजनों ने अंगदान करने का फैसला लिया। राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रतिरोपण संगठन के अनुसार, स्नेहलता की एक किडनी, कॉर्निया समेत हृदय एम्स के मरीज़ों को दान कर दिया गया। उनका लिवर सेना के आरआर अस्पताल व दूसरी किडनी राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक मरीज़ को दान किया गया।