L19 DESK : सुप्रीम कोर्ट की ओर से बुधवार को एक पुस्तिका जारी की है जिसके तहत न्यायिक फैसलों और दलीलों के समय कुछ शब्दों के प्रयोग पर रोक लगायी गयी है। रोक लगाये गये शब्दों को महिलाओं के प्रति रूढ़िवादी करार दिया है। पुस्तिका “हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स” के तहत अफेयर, हाउसवाइफ, प्रॉस्टिट्यूट, ईव टीजिंग जैसे शब्दों का इस्तेमाल कोर्ट की दलीलों के दौरान इस्तेमाल नहीं किये जा सकेंगे। इस पुस्तिका में लैंगिक रूप से अनुचित शब्दों की एक शब्दावली शामिल है और न्यायिक विमर्श में और आदेशों व फैसलों के उपयोग के लिये वैकल्पिक शब्द और मुहावरे सुझाये गये हैं।
पुस्तिका में कहा गया है कि महिलायें न तो पुरुषों के अधीन हैं, और न ही उन्हें किसी के अधीन होने की आवश्यकता है। क्योंकि संविधान सभी के लिये बराबर है।
बता दें, 30 पन्नों के इस हैंडबुक को तीन महिला जजों की समिति ने तैयार किया है। इनमें जस्टिस प्रभा श्रीदेवन, जस्टिस गीता मित्तल और प्रोफेसर झूमा सेन शामिल हैं। हैंडबुक को जारी करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इससे जजों और वकीलों को ये समझने में आसानी होगी कि कौन कौन से शब्द रूढ़िवादी हैं और कैसे अपने दलीलों के दौरान इस्तेमाल से बचा जा सकता है।
कौन कौन से शब्दों पर लगा प्रतिबंध?
रूढ़िवादी शब्द | प्रस्तावित शब्द |
अफेयर | शादी के इतर रिश्ता |
प्रॉस्टिट्यूट | सेक्स वर्कर |
बिनब्याही मां | मां |
कुंवारी कन्या | अविवाहित महिला |
करियर वुमन | महिला |
हाउसवाइफ | होममेकर |
इंडियन/वेस्टर्न वुमन | महिला |
गुड वाइफ | वाइफ (पत्नी) |
भड़काऊ कपड़े | कपड़े/ड्रेस |
पवित्र महिला | महिला |
स्लट | महिला |
कीप/मिस्ट्रेस | गैर मर्द से संबंध |
चाइल्ड प्रॉस्टिट्यूट | जिस बच्चे बच्ची की तस्करी की गयी है |
व्यभिचरिणी | विवाहेतर संबंध बनाने वाली महिला |
जबरन बलात्कार | बलात्कार |
पतिव्रता महिला | महिला |
आज्ञाकारी पत्नी | पत्नी |
ईव टीजिंग (फब्तियां कसना) | गालियों में किया जाने वाला यौन उत्पीड़न |
पीड़ित और पीड़िता | यौन हिंसा प्रभावित |