L19 DESK : कुड़मी समाज के रेल रोको आंदोलन की वजह से दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्यालय की तरफ से 63 ट्रेनों को रद्द करने की अधिसूचना वापस ले ली है। कोलकाता हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ऐसा किया गया है। कोलकाता हाईकोर्ट ने कुड़मी संगठनों के आंदोलन को अवैध घोषित कर दिया है। समाज के अनिश्चितकालीन रेल रोको आन्दोलन को देखते हुए रेलवे ने कई ट्रेनें रद्द करने की अधिसूचना जारी की थी, जिसमें रांची से खुलनेवाली 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था और 8 ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया था। कुड़मी जाति को ST (अनुसूचित जनजाति) सूची साथ ही कुड़माली भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूचि में शामिल करने की सरकार से मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है।
कोलकाता हाईकोर्ट ने कुड़मी समाज के रेल रोको आंदोलन को असंवैधानिक बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाते लगाने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि आन्दोलनकारियों को रेल और सड़क जाम आंदोलन करके आम लोगों को परेशान करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट के इस आदेश के बाद रेलवे ने 63 ट्रेनों को रद्द करने की अधिसूचना वापस ले ली गई है। आंदोलनकारी टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा ने कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद झारखंड में रेल रोको आन्दोलन को जारी रखने की घोषणा की है।
कुड़मी विकास मोर्चा द्वारा मुरी जंक्शन में अनिश्चितकालीन रेल चक्का जाम किए जाने की अधिसूचना पर मंगलवार को सदर अनुमंडल अधिकारी ने धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और संपूर्ण अंचल क्षेत्र में निषेधाज्ञा जारी कर दी है। यह निषेधाज्ञा अगले आदेश तक के लिए लागू रहेगा। हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि कोलकाता हाईकोर्ट के निर्देश के बाद रेलवे ने रद्द ट्रेनों और रूट में बदलाव किए गए ट्रेनों को चलाए जाने का आदेश को वापस ले लिया है।
उन्होंने बताया कि जिन रद्द ट्रेनों के परिचालन का समय पार नहीं हुआ था, उन ट्रेनों का आरक्षण चालू कर दिया गया और उन्हें निर्धारित समय से रवाना किया गया। जिला प्रशासन तथा रेलवे की तरफ से अग्निशमन दस्ता को भी एक्टिव रहने का आदेश दिया गया है। अग्निशाम पदाधिकारी रांची के मुरी रेलवे स्टेशन, धरनास्थल, मुरी ओपी, सिल्ली थाना व सिल्ली रेलवे स्टेशन के पास कर्मियों सहित मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। रांची के सिविल सर्जन को चिकित्सक दल, आवश्यक उपकरण तथा जीवन रक्षक दवाओं के साथ एक-एक एंबुलेंस भी लगाने का आदेश दिया गय़ा है।