L19 DESK : पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की ओर से हर कार्य स्थलों पर आउटसोर्सिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे बीते 1 वर्षों में 1,239 पर सरेंडर कर दिए गए हैं। यानि कि अब इन पदों पर आगे चलकर कोई भी भर्ती नहीं होगी। बता दें, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन विभागीय कार्यालय से लेकर रेलवे स्टेशन, कारखाना, ट्रेन करीब हर कार्य स्थलों पर आउटसोर्सिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। हालांकि, इसे लेकर कर्मचारी संगठनों में रोष है। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के अनुसार, सरकार रेलवे के अस्तित्व को समाप्त करने का काम कर रही है।
आपको बता दें, पीआरकेएस के ट्रेज़रर मनोज द्विवेदी ने रेल मंत्रालय पर युवाओं और कर्मचारियों की उपेक्षा का आरोप भी लगाया है। उधर, पूर्वोत्तर रेलवे मजदूर यूनियन के जेनरल सेक्रेटरी केएल गुप्ता ने बताया कि नई भर्तियों और पदोन्नतियों को पूरी तरह से रोक दिया गया है। ऐसे में तो अब रेलवे संविदा कर्मी के भरोसे ही चलेगी।
रेलवे प्रशासन ने रेलवे के लिए ट्रेन चलाने में अपना योगदान देने वाले जैसे सहायक रसोईया, बिल पोस्टर टाइपिस्ट, माली, दफ्तरी, बढ़ई, खलासी, पेंटर के पदों का कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है। 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक लखनऊ मंडल में सर्वाधिक 357 पद सरेंडर हुए हैं।