L19/Dumka : दुमका में मोबाइल ऐप XODO के माध्यम से फर्जी माइनिंग चालान बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। इस मामले में कुल 10 लोगों का नाम सामने आया हैं, जिसमें 4 की गिरफ्तारी हुई है। ये सभी सरकारी राजस्व को चूना लगाकर खुद मालामाल हो रहे थे।
प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कारवाई में हुआ उद्भेदन
दरअसल, 16 अप्रैल की रात प्रशासन और पुलिस संयुक्त रूप से स्टोन चिप्स लदे ट्रकों की जांच कर रही थी। इसी क्रम में एक लखीसराय निवासी ट्रक चालक आलोक कुमार स्टोन चिप्स लेकर जा रहा था। आलोक से जब माइनिंग चालान मांग कर उसकी जांच की गई, तो वह फर्जी पाया गया। प्रशासन की टीम ने मामले को गंभीरता से लिया और उससे पूछताछ की, तो उसने बताया कि काठीकुंड में एक लाइन होटल के सामने किसी व्यक्ति से उन्होंने यह माइनिंग चालान 500 रुपये में खरीदा है। उसके निशानदेही पर पुलिस ने युवक को पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि ऐसे धंधे में शामिल लोगों का एक बड़ा नेटवर्क है।
मोबाइल ऐप XODO के माध्यम से फर्जी माइनिंग चालान बनाकर बेचा जा रहा है। उन्होंने कई लोगों के नाम बताएं जो फर्ज़ी चालान बनाने के गोरखधंधे में शामिल है। उनके इशारे पर फर्जी माइनिंग चालान तैयार कर प्रिंट किये जाने वाले दो लैपटॉप जब्त किये गये हैं। इसके साथ, कई मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। ट्रक चालक आलोक कुमार और माइनिंग चालान बेचने वाले लखन पाल को लेकर पुलिस ने कई जगह छापेमारी की। इसके आधार पर परमेश्वर मंडल और दिवाकर कुमार भगत को गिरफ्तार किया गया। इसमें यह पता चला कि रवि भगत, लक्ष्मण प्रसाद भगत, प्रदीप पाल, टीपू खान आलमगीर खान और दीप सरकार भी इस धंधे में शामिल हैं।
सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाकर हो रहे थे मालामाल
फर्जी माइनिंग चालान को बनाकर यह गोरखधंधे करने वाले खुद मालामाल हो रहे थे और सरकारी राजस्व को काफी नुकसान पहुंचा रहे थे। जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कू ने बताया कि स्टोन चिप्स लदे सामान्यतः एक ट्रक को 5-6 हजार रुपये का माइनिंग चालान कटाना पड़ता है। लेकिन यह फर्जी चालान वाले महज़ 500-600 रुपये में माइनिंग चालान उपलब्ध करा देते थे। इस फर्ज़ी माइनिंग चालान बनाने में महज 10-20 रुपये खर्च होते थे। इस तरह से सरकारी राजस्व को काफी नुकसान हो रहा था।
क्या कहते हैं एसडीपीओ
इस पूरे मामले पर दुमका के एसडीपीओ नूर मुस्तफा ने कहा कि फर्जी माइनिंग चालान बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। फिलहाल इस मामले को लेकर गहन अनुसंधान जारी है। इसमें कई नाम सामने आए हैं। उनके खिलाफ गिरफ्तारी और अन्य कारवाई की जा रही है।
रिपोर्ट : बिनोद त्रिवेदी